भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर नए संसद भवन के बाहर प्रदर्शन के लिए जाने के दौरान पुलिस ने पदक विजेता पहलवानों पर बल प्रयोग किया था. अब उनके ख़िलाफ़ दंगा करने, ग़ैर क़ानूनी रूप से एकत्र होने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है.
कांग्रेस समेत करीब 21 विपक्षी दलों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था. विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को 'आत्ममुग्ध तानाशाह' बताते हुए 'लोकशाही को राजशाही की ओर ले जाने' का आरोप लगाया है.
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन किए जाने के कार्यक्रम में 21 विपक्षी दल शामिल नहीं हुए. इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद नहीं रहे.
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे पहलवान नए संसद भवन के सामने महिला महापंचायत आयोजित करने वाले थे. हालांकि, इससे पहले ही जंतर-मंतर से संसद भवन की तरफ मार्च निकाल रहे प्रदर्शनकारी पहलवानों और दिल्ली पहुंच रहे उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया.
वीडियो: नए संसद भवन में नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित 'सेंगोल' को लेकर दावा किया गया है कि 15 अगस्त, 1947 को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ब्रिटिश भारत के अंतिम वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था. हालांकि, इतिहासकारों ने इस पर सवाल उठाए हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में दावा किया है कि 'सेंगोल' नामक स्वर्ण राजदंड 15 अगस्त, 1947 को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ब्रिटिश भारत के अंतिम वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था. हालांकि, ऐतिहासिक प्रमाण इसकी पुष्टि नहीं करते.
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एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण नहीं करना चाहिए था. इस दौरान वहां पूजा पाठ करने पर माकपा ने कहा कि यह हर किसी का प्रतीक है, न कि उनका, जिनकी कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं. धर्म को राष्ट्रीय समारोहों से दूर रखें.
कोरोना महामारी के बीच नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी, जिसने मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति देते हुए कहा कि यह एक अहम व आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना है. अदालत ने इस पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को 'किसी मक़सद से प्रेरित' बताते हुए याचिकाकर्ताओं पर एक लाख का जुर्माना लगाया है.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर और दिल्ली में जारी लॉकडाउन के बीच सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम जोर-शोर से जारी है, जिसकी विपक्ष के नेता लगातार आलोचना कर रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि कोविन ऐप पर महज तीन घंटे में 80 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया, 1.45 करोड़ एसएमएस भेजे गए. इस पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पूछा कि क्या एसएमएस भेजा जाना कोविड-19 से निपटने में सफलता का संकेतक है?
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण कार्य जारी है. केंद्र सरकार ने इस परियोजना को आवश्यक सेवाओं के दायरे में रख दिया है और निर्माण कार्य में लगे मज़दूरों की आवाजाही की मंज़ूरी दे दी गई है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के कारण अगर कर्मचारी साइट पर नहीं रह रहे हैं तो निर्माण की अनुमति नहीं है, लेकिन सेंट्रल विस्टा परियोजना स्थल तक मज़दूरों को लाने के लिए 180 वाहनों को मंज़ूरी दी गई है.
हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को मिली पर्यावरण मंज़ूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को बरक़रार रखते हुए राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैली नए संसद भवन के निर्माण की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का रास्ता साफ़ कर दिया था.