जो लोग भारत से प्यार नहीं करते हैं, उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए: संघ नेता

संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने नेहरू के नेतृत्व में आज़ादी नहीं विभाजन दिया. कांग्रेस ने देश को आज़ादी दिलाई इससे बड़ा कोई असत्य नहीं है.

पाकिस्तान से इतनी ही नफ़रत है तो शपथ ग्रहण में नवाज़ शरीफ़ को कौन बुलाया था?

मुसलमान का डर दिखा कर हिंदू नौजवानों को बर्बाद किया जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि रोज़गार मत पूछो, पढ़ाई, अस्पताल मत पूछो, बस देखो कोई मुसलमान मुख्यमंत्री न बन जाए.

हम हीरो नहीं हैं, हम फिल्म नहीं चुनते, फिल्में हमें चुनती हैं: राजेश शर्मा

खोसला का घोंसला, नो वन किल्ड जेसिका, लव शव ते चिकन खुराना और स्पेशल 26 जैसी फिल्मों में ख़ास भूमिका निभाने वाले अभिनेता राजेश शर्मा से बातचीत.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: ‘नगा समझौते से प्रभावित नहीं होगी पूर्वोत्तर की क्षेत्रीय अखंडता’

नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, असम, मिज़ोरम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश के समाचार.

दंगे अब हर घर तक पहुंच गए हैं: कन्हैया कुमार

जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, घरों में भोजन के टेबल दो हिस्से में बंट गए हैं. अगर कोई पिता धर्मनिरपेक्षता का पक्ष लेता है, तो बेटा उसे पाकिस्तान समर्थक बता देता है.

बाबरी विध्वंस के 25 साल: जलती मशालों के बीच का अकेलापन

बाबरी मस्जिद विध्वंस और उसके बाद के रक्तरंजित दौर की तरफ पच्चीस साल बाद फिर लौटते हुए हम नए सिरे से उस पुराने द्वंद्व से रूबरू होते हैं जो हर ऐसे सांप्रदायिक दावानल के बहाने उठता है.

जज लोया की मौत की जांच के लिए आयोग बनाने की मांग

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहे सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में कार्यवाही कर रहे जज लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में 1 दिसंबर, 2014 को मौत हो गई थी.

कम से कम हमारे हिंदुस्तान में तो ऐसा कुछ नहीं होता…

अफ़राज़ुल हत्याकांड: ये तीन लोगों की कहानी है. भगवान, अल्लाह, गॉड, इलाही जिसको भी आप मानते हो, वो कहता है, साउंड, कैमरा, एक्शन और एक सीन शुरू होता है.

हमें अतिराष्ट्रवाद और पितृसत्तात्मक सोच पर हमला करना चाहिए: कंगना रनौत

अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि पद्मावती के निर्देशक संजय लीला भंसाली और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का समर्थन करने के लिए एकजुट होने ज़रूरत है.

इतिहासकारों का राजनीतिक विचारधारा या धर्म के प्रति झुकाव नहीं होना चाहिए: गुहा

इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा, इतिहास सामाजिक विज्ञान और साहित्य का मिश्रण है और वह कभी एक आयामी नहीं हो सकता.