चुनाव प्रचार अभियान में भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर भाजपा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर निशाना साधा, जबकि कांग्रेस ने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भाजपा पर प्रहार किया.
उच्चतम न्यायालय ने कहा, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद की सहायता और परामर्श शब्द शून्य में नहीं हैं, उन्हें कुछ मायने तो देना ही होगा.
इस फिल्म के दो नायक हैं, अरविंद केजरीवाल और योगेंद्र यादव. दोनों एक-दूसरे से उतने ही अलग हैं जैसे कि भाप और बर्फ.
जन गण मन की बात की 147वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी के एक साल और पैराडाइज़ पेपर्स मामले पर चर्चा कर रहे हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: इस साल जुलाई में शिमला से 80 किमी दूर कोटखाई में एक स्कूली छात्रा की गैंगरेप के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी.
कोर्ट ने कहा, अगर दिल्ली सरकार एक नीतिगत फ़ैसला करती है तो वह एलजी को जानकारी देने के लिए बाध्य है, परंतु एलजी का सहमत होना ज़रूरी नहीं है.
हिमाचल प्रदेश चुनाव राउंडअप: भाजपा के नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार को बनाया मुद्दा, कांग्रेस के राहुल गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी पर किया प्रहार, अब फ़ैसला जनता के हाथ.
निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग पर विचार करने से पहले यह उल्लेख कर देना ज़रूरी है कि आरक्षण के मसले पर मेरिट, सामान्य श्रेणी के साथ अन्याय व निजी क्षेत्र की स्वायत्तता में बेमानी दख़ल जैसे तर्कों पर फ़ालतू चर्चा का अब कोई मतलब नहीं है.
ग्राउंड रिपोर्ट: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के भ्रष्टाचार की कहानी भले ही पूरे देश में चर्चा का विषय रही है लेकिन छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी में उनके विरोधी भी उन्हें भ्रष्ट कहने से बचते नज़र आते हैं.
प्रॉक्सिमा सेंचुरी सूर्य का सबसे करीबी तारा है. यह एक छोटा लाल बौना ग्रह है जो हमसे चार प्रकाश वर्ष की दूरी पर है.
कोर्ट ने केंद्रीय श्रम सचिव को 10 नवंबर से पहले पेश होकर यह बताने का निर्देश दिया है कि नियमों को कैसे लागू किया और क्यों इसका दुरुपयोग हुआ.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जनता से व्यापक विमर्श नहीं किया जाता. क्योंकि जब उनसे बात होगी तो वे बाढ़ नियंत्रण से जुड़े भ्रष्टाचार की शिकायतें भी करेंगे. अपनी उपेक्षा और दुख-दर्द भी विस्तार से बताएंगे लेकिन सरकारें ये नहीं सुनना चाहतीं.
गुजरात पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, नोटबंदी बिना सोचा समझा कदम था जिसका कोई लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है.
अदालत ने कहा, बिना न्यूनतम मज़दूरी दिए लोगों से काम लेना आपराधिक कृत्य है और इसके लिए न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम, 1948 के तहत दंडात्मक प्रावधान मौजूद हैं.
कैंपस की कहानियां: इस विशेष सीरीज़ में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र शिशिर अग्रवाल अपना अनुभव साझा कर रहे हैं.