केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अगले तीन वर्षों के भीतर भारतीय भाषाओं में हर पाठ्यक्रम के लिए अध्ययन सामग्री डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने कहा कि यह क़दम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के क्रम में है.
केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2018 और 2023 के बीच उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या करने वाले इन 98 छात्रों में से सबसे ज्यादा 39 आईआईटी से, 25 एनआईटी से और 25 केंद्रीय विश्वविद्यालयों से, चार आईआईएम से, तीन आईआईएसईआर से और दो आईआईआईटी से थे.
शिक्षा मंत्रालय ने संसद में बताया कि 2019 और 2023 के बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों में लगभग आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों से संबंधित थे.
अक्टूबर 2021 में शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों/स्वायत्त संस्थानों को ज्ञापन भेजकर मौजूदा शिक्षण सामग्री को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने का निर्देश दिया था. आईआईएम बैंगलोर, काशीपुर और उदयपुर ने जवाब दिया कि यह आदेश उन पर लागू नहीं होता, बाकि 17 आईआईएम ने कोई जवाब नहीं दिया है.
सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में 2018-2023 की अवधि के दौरान आत्महत्या के कुल 61 मामले दर्ज किए गए. आत्महत्या के आधे से अधिक मामले आईआईटी में सामने आए हैं. इसके बाद एनआईटी और आईआईएम का नंबर आता है.
लोकसभा में दिए गए इस आंकड़े में अनुसूचित जाति वर्ग के 24, अनुसूचित जनजाति वर्ग के तीन, अन्य पिछड़ा वर्ग के 41 छात्र तथा अल्पसंख्यक वर्ग के तीन छात्र शामिल हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार, एनआईटी और भारतीय अभियांत्रिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईईएसटी) में 1870 पद खाली हैं जबकि आईआईएम संस्थानों में 258 पद खाली हैं.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, मेडिकल के क्षेत्र में तैयार प्रतिभाएं बड़ी-बड़ी कंपनियों में चली जाती हैं. लेकिन सीवी रमण के बाद किसी भारतीय को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला है.
दंगा संबंधी मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए फर्ज़ी लेकिन भड़काऊ वीडियो के मामले में भाजपा विधायक संगीत सोम को क्लीन चिट दे दी है.