इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष को बिना किसी धारणा और पूर्वाग्रह के समझना है, तो ज़रूरी है कि धर्म के चश्मे को उतारकर उसके ऐतिहासिक संदर्भ से समझा जाए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाज़ा पट्टी में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए कहा है कि हर गुज़रते घंटे के साथ सामने आ रही तबाही युद्ध विराम की आवश्यकता को और अधिक जरूरी बना देती है. इस दौरान उन्होंने हमास द्वारा बंधक बनाए गए 200 से अधिक इज़रायलियों की रिहाई का आह्वान भी दोहराया.
वीडियो: इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है. कैसे इज़रायल और फिलिस्तीन अस्तित्व में आए, दोनों देशों का 2000 साल का इतिहास क्या है, कैसे यहूदियों को पनाह देने वाले फिलिस्तीन को यहूदियों के राष्ट्र इज़रायल ने ही उजाड़ दिया, बता रहे हैं द वायर के अजय कुमार.
बताया गया है कि अस्पताल में मरने वालों की संख्या और बढ़ने की संभावना है. अब तक के आंकड़े 1982 में लेबनान के सबरा और शतीला में इज़रायली सेना और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए नरसंहार के बाद किसी एक घटना में मारे गए फिलिस्तीनियों की सबसे बड़ी संख्या है.
गाज़ा में इज़रायली सेना की कार्रवाई के बीच इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ये बस शुरुआत है. वे गाजा स्थित आतंकवादी समूह हमास को 'तबाह' कर देंगे.
वीडियो: इज़रायल के फ़िलिस्तीनियों से गाज़ा छोड़ने की कहने से पहले वहां भोजन, पानी और बिजली की आपूर्ति रोकी जा चुकी थी. यूएन के विनाशकारी नतीजों को लेकर चेताने के बावजूद विश्व के शक्तिशाली देश इज़रायल को युद्ध विराम के लिए क्यों नहीं कह रहे हैं? चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
वीडियो: हमास के हमले के बाद छिड़े इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध को लेकर सोशल मीडिया पर एक वर्ग भारत के मुसलमानों को निशाना बना रहा है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा कि अगर इस तरह के आदेश को रद्द नहीं किया गया, तो यह पहले से ही हुई त्रासदी को बड़ी तबाही में बदल सकता है.