जन गण मन की बात की 257वीं कड़ी में विनोद दुआ भारतीय जनता पार्टी में कोषाध्यक्ष से जुड़े विवाद और बैड बैंक पर चर्चा कर रहे हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने एनपीए को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा.
2017-18 में 21 में से 19 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कुल 85,370 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. सबसे ज़्यादा घाटा घोटाले की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक को करीब 12,283 करोड़ रुपये का हुआ.
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था के चार टायरों में से तीन- निर्यात, निजी निवेश और निजी उपभोग- पंक्चर हो चुके हैं. यह स्थिति सरकार की ग़लत नीतियों के चलते पैदा हुई. भाजपा ने चिदंबरम के आरोपों को बेबुनियाद बताया.
जन गण मन की बात की 255वीं कड़ी में विनोद दुआ बढ़ते एनपीए और वाराणसी को लेकर दिए गए केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस के बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
मोदी सरकार द्वारा बीते चार सालों में बदलाव के बड़े दावों के साथ शुरू की गईं विभिन्न योजनाएं कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर पाने में नाकाम रही हैं.
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 21 में से 19 सार्वजनिक बैंकों को घाटा हुआ. बैंकों का औसत एनपीए 14.5 प्रतिशत तक बढ़ा है. आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक का एनपीए 25 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया.
आंकड़े बीते वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के हैं. वहीं, पूरे वर्ष के दौरान बैंक को 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक ने 10,484 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था.
पेट्रोल की क़ीमत रिकॉर्ड स्तर पर है, फिर भी आप मीडिया में इसकी ख़बरों को देखिए तो लगेगा कि कोई बात ही नहीं है. यही दाम अगर सरकार एक रुपया सस्ता कर दे तो गोदी मीडिया पहले पन्ने पर छापेगा.
जन गण मन की बात की 244वीं कड़ी में विनोद दुआ कर्नाटक में बनी नई सरकार और एनपीए को लेकर संसदीय समिति के सामने पेश हुए रिज़र्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
निर्मल सिंह और कुछ बड़े भाजपा नेताओं ने वर्ष 2000 में हिमगिरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड नामक कंपनी का गठन किया था. कंपनी के पास जम्मू कश्मीर बैंक के 29.31 करोड़ रुपये ऋण के रूप में बकाया है. ज़मीन पर निर्माण होने से सेना को है आपत्ति.
अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग पर आईडीबीआई की अगुवाई वाले दो दर्जन से अधिक बैंकों का क़रीब 9,000 करोड़ रुपये का क़र्ज़ बकाया है.
बैंकों का कहना है कि बढ़ते फंसे क़र्ज़ व उसके लिए ऊंचे प्रावधान के चलते वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में उनका घाटा बढ़ा.
आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2017 तक सभी बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 8,40,958 करोड़ रुपये थीं. सबसे अधिक एनपीए भारतीय स्टेट बैंक का 2,01,560 करोड़ रुपये था.
जन गण मन की बात की 227वीं कड़ी में विनोद दुआ देश के कई राज्यों में नकदी की समस्या और भाजपा नेताओं द्वारा एनपीए को लेकर किए गए दावे पर चर्चा कर रहे हैं.