अपनी जनतांत्रिक छवि चमकाने के लिए ‘मदर आफ डेमोक्रेसी’ होने के दावों से शुरू हुई भारत सरकार की यात्रा फिलवक्त डेमोक्रेसी रेटिंग गढ़ने के मुक़ाम तक पहुंची है. अभी वह किन-किन मुकामों से गुजरेगी इसके बारे में भविष्यवाणी नहीं की जा सकती.
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सूचकांकों में भारत में लोकतंत्र की स्थिति को सवालों के घेरे में रखा गया है. अब एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि भारत सरकार ने कई अवसरों पर इसके साथ काम कर चुके देश के थिंक टैंक ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) से लोकतंत्र से संबंधित रेटिंग ढांचा तैयार करने को कहा है.