जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन दलों के नाम बताए हैं जिनके साथ भाजपा सरकार नहीं बनाएगी, लेकिन उन्होंने निर्दलियों, अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पर चुप्पी साध ली. इस बीच, अमित शाह ने कहा है कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस की सरकार बनती है तो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद लौट आएगा.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला और अन्य के ख़िलाफ़ ईडी का मामला बीसीसीआई अनुदान के 43.69 करोड़ रुपये के कथित दुरुपयोग के लिए सीबीआई द्वारा दाखिल आरोपपत्र के बाद दर्ज किया गया था. अब्दुल्ला 2001 से 2011 तक जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे.
भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में जश्न मनाते हुए एक जुलूस निकाला और कहा कि कश्मीर को 5 अगस्त को आज़ादी मिली थी.
जम्मू संभाग में सेना के ख़िलाफ़ दो दिनों में यह दूसरी बड़ी आतंकवादी घटना है. इससे पहले रविवार की सुबह आतंकियों ने राजौरी ज़िले के एक सैन्य शिविर पर हमला किया था.
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल एक की छत भारी बारिश के दौरान कई गाड़ियों और टैक्सियों पर गिर गई, जिसमें कुछ लोग दब गए. फिलहाल हवाई अड्डे पर चेक-इन काउंटर बंद कर दिए गए हैं और दोपहर एक बजे तक डिपार्चर की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.
लोकसभा चुनाव में अपनी सीट गंवाने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि वे राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए संघर्ष करेंगे, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में जाकर खुद को अपमानित नहीं करेंगे.
कश्मीर की तीनों लोकसभा सीटों, श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग-राजौरी, में से किसी पर भी भारतीय जनता पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है. वहीं, इंडिया गठबंधन के दोनों घटक दल, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, के बीच सीट की साझेदारी पर कोई समझौता नहीं हो पाया. दोनों दल आमने-सामने हैं. जम्मू-कश्मीर से द वायर की ग्राउंड रिपोर्ट.
अनंतनाग जिले में 17 अप्रैल शाम को अज्ञात लोगों ने बिहार निवासी एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी. एक सप्ताह में दक्षिण कश्मीर में नागरिकों पर यह दूसरा लक्षित हमला है और इस साल घाटी में ऐसी तीसरी घटना है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घोषणा की है कि पार्टी कश्मीर घाटी में सभी तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जम्मू क्षेत्र में दो सीटों पर कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए कहा है, जबकि लद्दाख सीट पर उसका और कांग्रेस का सर्वसम्मति वाला उम्मीदवार होगा. हालांकि, पीडीपी अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव लड़ना चाहती थी.
बीते 10-11 फरवरी को हुए एक लोकतंत्र सम्मेलन में नागरिक समाज के सौ से अधिक सदस्य, पूर्व सिविल सेवकों, मीडिया पेशेवर और शिक्षाविद इकट्ठे हुए थे. इनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, माकपा नेता सीताराम येचुरी और सांसद कपिल सिब्बल भी शामिल थे.
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप कर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव पर निर्देश पारित करना पड़ा. उन्होंने राजस्थान के साथ 40 साल के लिए बिजली ख़रीद समझौते का भी विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह हमारे संसाधनों की लूट है.
जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को एक आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था. बाद में 3 लोगों के शव उस जगह के नज़दीक पाए गए थे, जहां आतंकवादियों ने सेना पर हमला किया था. एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें सेना के जवान नागरिकों को यातनाएं देते देखे जा सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के तरीके को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने के फैसले की बारीकियां समझने के लिए ज़रूरी है कि यह समझा जाए कि अनुच्छेद 370 था क्या और इसे हटाया कैसे गया.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरक़रार रखने के शीर्ष अदालत के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए केंद्रशासित प्रदेश के राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि फैसले वाले दिन उन्हें नज़रबंद कर दिया गया था. नेताओं ने कहा कि यह फैसला अप्रत्याशित नहीं था.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी लोकसभा द्वारा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पारित करने के बाद आई, जिसमें कश्मीरी प्रवासी समुदाय के दो सदस्यों और पीओके से विस्थापित व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को विधानसभा में नामित करने का प्रावधान किया गया है.