पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी सरकार के विश्वास प्रस्ताव को 91 विधायकों ने समर्थन किया. आप ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली के बाद 'ऑपरेशन लोटस' पंजाब में भी विफल रहा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उनकी पार्टी के बढ़ते प्रभाव से भाजपा इतनी बौखला गई है कि प्रधानमंत्री के सलाहकार हिरेन जोशी ने कई टीवी चैनल मालिकों, संपादकों को गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी देते हुए राज्य में ‘आप’ को कवरेज न देने को कहा है.
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत आम आदमी पार्टी के सात से दस विधायकों को पैसे और मंत्री पद का प्रस्ताव देते हुए संपर्क साधा गया है.
भाजपा विपक्षी दलों पर जो आरोप लगाकर उन्हें ख़ारिज करती रहती है, उनमें से कोई भी आम आदमी पार्टी पर फिट नहीं बैठते और यही उसकी सबसे बड़ी चुनौती है.
आप के सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बृहस्पतिवार सुबह बैठक कर भाजपा द्वारा विधायकों को ख़रीदने के कथित प्रयासों का मुक़ाबला करने के लिए रणनीति तैयार की. बैठक के बाद विधायकों के साथ केजरीवाल भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ की विफलता की प्रार्थना करने के लिए महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट गए. भाजपा ने इसे पार्टी का ड्रामा बताया है.
वीडियो: झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों - इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी - को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उस कार से 49 लाख से अधिक नकद जब्त करने के बाद गिरफ़्तार किया था, जिसमें वे यात्रा कर रहे थे. इस बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश के पीछे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा हैं.
झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल बीती 30 जुलाई को एक वाहन में भारी नकदी के साथ पश्चिम बंगाल में पकड़े गए थे. इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन वाली राज्य सरकार को गिराने के लिए विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त कर रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को भी उठाता है, क्योंकि अगर सरकार कहती है कि उसने निगरानी नहीं की, तो सवाल उठता है कि जासूसी किसने की.
माकपा के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका में अनुरोध किया है कि वह 19 जुलाई को समाचार वेबसाइट द वायर द्वारा किए गए खुलासे पर केंद्र को एक विशेष जांच दल के माध्यम से आरोपों की तत्काल जांच करने का निर्देश दे. उन्होंने कहा है कि बहुत गंभीर प्रकृति के बावजूद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को लेकर आरोपों की जांच कराने की परवाह नहीं की है.
वॉट्सऐप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विल कैथकार्ट ने कहा है कि उन्हें 2019 में वॉट्सऐप यूज़र्स पर हुए हमले और लीक डेटा के आधार पर पेगासस प्रोजेक्ट की रिपोर्टिंग में समानता दिखती है. 2019 में वॉट्सऐप यूज़र्स पर हुए पेगासस हमले को लेकर फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने एनएसओ ग्रुप पर मुक़दमा किया है.
वीडियो: झारखंड के रामगढ़ में रहने वाले स्वतंत्र स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह और उनसे जुड़े तीन फोन नंबर पेगासस जासूसी वाली संभावित सूची में शामिल हैं. इस मुद्दे पर रूपेश कुमार सिंह से द वायर की बातचीत.
कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने इज़रायल के पेगासस स्पायवेयर का उपयोग करके राहुल गांधी समेत कई प्रमुख व्यक्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले को लेकर संसद परिसर में केंद्र की मोदी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है. इसके अलावा कांग्रेस ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए देश के कई स्थानों पर भी प्रदर्शन किए हैं.
पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर द्वारा की गई समीक्षा में सामने आया है कर्नाटक में 2019 में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार गिरने से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को संभावित हैकिंग के लिए बतौर टारगेट चुना गया था. कांग्रेस ने पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की है.
वीडियो: इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के अज्ञात भारतीय क्लाइंट की दिलचस्पी वाले फोन नंबरों के रिकॉर्ड की द वायर द्वारा की गई समीक्षा के अनुसार, जुलाई 2019 में कर्नाटक में विपक्ष की सरकार को गिराने के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों को निगरानी के लिए संभावित लक्ष्य के रूप में चुना गया था.
पेगासस प्रोजेक्ट: रिकॉर्ड्स दिखाते हैं कि 2019 में कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी व पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को संभावित हैकिंग के टारगेट के बतौर चुना गया था.