संसद में बीते कुछ वर्षों से सरकार बिना उचित विचार-विमर्श के आनन-फानन में विधेयकों को पारित करने पर आमादा दिखती है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में महज़ 25 फीसदी विधेयकों को संसदीय समिति के पास भेजा गया, जो 15वीं लोकसभा के समय भेजे गए विधेयकों की तुलना में काफ़ी कम है.
मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आठ सांसदों का निलंबन वापस होने और कृषि विधेयक में उनकी तीन मांगें शामिल होने तक विपक्ष राज्यसभा का बहिष्कार करेगा. वहीं, निलंबित सासंदों के धरने के जवाब में राज्यसभा उपसभापति ने 24 घंटे उपवास की घोषणा की है.
वीडियो: राज्यसभा में पारित विवादित कृषि विधेयकों के विरोध में हंगामा करने वाले विपक्ष के आठ सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर आप सांसद संजय सिंह और राजद सांसद मनोज कुमार झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयक ध्वनि मत से पास होने के पहले कई विपक्षी नेता इसके विरोध में हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए थे. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित करते हुए उपसभापति हरिवंश के ख़िलाफ़ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर दिया है.
नागरिक अधिकार संगठनों के संगठित समूह ने एक हफ्ते तक डिजिटल जनता संसद में इस दौरान स्वास्थ्य सेवा का अधिकार, बिना आधार लिंक किए हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमिकरण और मूलभूत आय जैसी मांगें उठाईं. इस सत्र में कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया.