आलोचना के बीच सेंट्रल विस्टा निर्माण स्थल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध

कोविड-19 महामारी से जूझ रहे दिल्ली में पांबदियों के बीच सेंट्रल विस्टा परियोजना का निर्माण कार्य जारी रखने की वजह से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विपक्ष की आलोचनाओं के केंद्र में है. इतना ही नहीं सरकार ने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए इस परियोजना को ‘आवश्यक सेवाओं’ की श्रेणी में सूचीबद्ध कर दिया है.

विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी से कहा, मुफ़्त टीका उपलब्ध कराएं, सेंट्रल विस्टा परियोजना रोकी जाए

कोरोना वायरस की दूसरी लहर और दिल्ली में जारी लॉकडाउन के बीच सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नई संसद के निर्माण का काम ज़ोर-शोर से जारी है, जिसकी विपक्ष के नेता लगातार आलोचना कर रहे हैं. दुनिया भर के प्रसिद्ध विद्वानों, कलाकारों, लेखकों आदि ने भी कोविड-19 के कारण पैदा हुए जनस्वास्थ्य आपातकाल के दौरान भारत सरकार की इस योजना को तत्काल रोकने की मांग की है.

देश को प्रधानमंत्री आवास नहीं, सांस चाहिए: राहुल गांधी

कोरोना वायरस की दूसरी लहर और दिल्ली में जारी लॉकडाउन के बीच सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम जोर-शोर से जारी है, जिसकी विपक्ष के नेता लगातार आलोचना कर रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि कोविन ऐप पर महज तीन घंटे में 80 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया, 1.45 करोड़ एसएमएस भेजे गए. इस पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पूछा कि क्या एसएमएस भेजा जाना कोविड-19 से निपटने में सफलता का संकेतक है?

13 विपक्षी नेताओं ने केंद्र से बड़े पैमाने पर मुफ़्त टीकाकरण अभियान शुरू करने की मांग की

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत 13 दलों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि केंद्र सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें.

विपक्ष ने लॉकडाउन में सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य जारी रखने के लिए सरकार की आलोचना की

कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण कार्य जारी है. केंद्र सरकार ने इस परियोजना को आवश्यक सेवाओं के दायरे में रख दिया है और निर्माण कार्य में लगे मज़दूरों की आवाजाही की मंज़ूरी दे दी गई है.

वेंकैया नायडू ने राज्यसभा सदस्यों से कहा: ऐसा कुछ मत कहिए जिससे भारत की छवि ख़राब हो

राज्यसभा के नए सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर सभापति वेंकैया नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा, तर्क-वितर्क और निर्णय लेना लोकतंत्र के मंत्र हैं तथा सदस्यों को सदन में व्यवधान का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए.

पंजाब के बाद केंद्र के कृषि क़ानूनों को बेअसर करने के लिए राजस्थान विधानसभा में तीन विधेयक पेश

राजस्थान विधानसभा में पेश इन विधेयकों में राज्य के किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किए हैं. इनमें किसानों के उत्पीड़न पर कम से कम तीन साल की क़ैद और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है.

केंद्र के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब ने पास किया विधेयक

केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को बेअसर करने के लिए छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों ने भी पंजाब की तरह राज्य स्तर पर नए विधेयक पारित करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की बात कही है.

किसानों पर अन्याय के सामने सिर झुकाने के बजाय इस्तीफ़ा देने को तैयार: अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के साथ ​तीन विधेयक भी पेश किए. इन विधेयकों का मसौदा साझा नहीं करने पर आप विधायकों ने राज्य सरकार के ख़िलाफ़ विधानसभा में धरना दिया.

कृषि क़ानून: कृषि मंत्री के न होने पर किसान संगठनों ने सरकार के साथ बैठक का बहिष्कार किया

तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब में प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को बातचीत के लिए 14 अक्टूबर को दिल्ली बुलाया था. किसान संगठनों ने बहिष्कार करते हुए कहा कि हम बैठक के लिए आए थे, लेकिन हम प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री से भी मिलना चाहते हैं.

कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब में प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को बातचीत के लिए 14 अक्टूबर को दिल्ली बुलाया है.

क्या राज्यसभा में कृषि विधेयकों को असंवैधानिक रूप से पारित किया गया?

वीडियो: बीते 20 सितंबर को विवादित कृषि विधेयकों पर विपक्ष द्वारा मत विभाजन की मांग को ख़ारिज करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा था कि सदस्यों ने सदन के नियमों के अनुसार अपनी सीट पर बैठकर ये मांग नहीं की थी. हालांकि राज्यसभा टीवी के आधिकारिक फुटेज से पता चलता है कि दो सांसदों ने अपनी सीट से ही वोटिंग की मांग की थी.

विरोध के बीच राष्ट्रपति ने कृषि विधेयकों को मंज़ूरी दी, पंजाब में तीन भाजपा नेताओं का इस्तीफ़ा

केंद्र की मोदी सरकार का दावा है कि नए कृषि क़ानूनों के ज़रिये एपीएमसी मंडियों के बाहर भी कृषि उत्पाद बेचने और ख़रीदने की व्यवस्था तैयार की जाएगी. हालांकि किसानों एवं विशेषज्ञों को इस बात की चिंता है कि यदि ये क़ानून लागू किया जाता है तो एपीएमसी और एमएसपी व्यवस्था ख़त्म हो जाएगी.

उपसभापति ने मीडिया रिपोर्टों को ख़ारिज कर कहा- कृषि विधेयक प्रक्रिया के अनुसार पारित हुए

बीते 20 सितंबर को कृषि विधेयकों पर विपक्ष द्वारा मत विभाजन की मांग को ख़ारिज करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा था कि सदस्यों ने अपनी सीट पर बैठकर ये मांग नहीं की थी. हालांकि राज्यसभा टीवी के फुटेज से पता चलता है कि कई सांसदों ने अपनी सीट से ही वोटिंग की मांग की थी.

राज्यसभा: सांसदों द्वारा अपनी सीट से वोटिंग की मांग न करने का उपसभापति का दावा झूठा है

बीते 20 सितंबर को दो कृषि विधेयकों पर विपक्ष द्वारा मत विभाजन की मांग को ख़ारिज करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा था कि सदस्यों ने अपनी सीट पर बैठकर ये मांग नहीं की थी. हालांकि राज्यसभा टीवी के फुटेज से पता चलता है कि कई सांसदों ने अपनी सीट से ही वोटिंग की मांग की थी.