मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते मई माह में पुलिस ने फैज़ान नामक युवक को 'पाकिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद' नारा लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया था. तब से वह हिरासत में है. एमपी हाईकोर्ट ने फैज़ान को जमानत देते हुए कहा कि वह महीने के पहले और चौथे मंगलवार को स्थानीय पुलिस थाने के राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार सलामी देंगे और 'भारत माता की जय' का नारा देंगे.
फैक्ट चेक: कई चैनलों, पत्रकारों और भाजपा नेताओं का दावा है कि एनआईए, ईडी और पुलिस की संयुक्त छापेमारी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सौ से अधिक नेताओं की गिरफ़्तारी के विरोध में पुणे में हुए एक प्रदर्शन में 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाए गए थे. हालांकि पड़ताल में पाया गया कि यह दावा ग़लत है.
उत्तर प्रदेश के बहराइच, कुशीनगर और सहारनपुर ज़िलों का मामला. बहराइच में हुई घटना में तिरंगा हटाकर हरा झंडा लगाने का आरोप दो मुस्लिम युवकों पर लगा है. इसी तरह कुशीनगर में ग़ैर-राष्ट्रीय ध्वज लगाने के आरोपी मुस्लिम युवक को गिरफ़्तार करने के अलावा उनकी बुआ और चचरे भाई के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया गया है. वहीं सहारनपुर में पांच छात्रों पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद नारा लगाने का आरोप लगा है.
पुलिस ने गिरिडीह ज़िले के गांडेय थाना क्षेत्र में डोकीडीह पंचायत के मुखिया प्रत्याशी जाकिर हुसैन और उनके तीन समर्थकों को नामांकन जुलूस के दौरान ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. हालांकि, प्रत्याशी का कहना है कि उनके जुलूस में किसी ने भी देश विरोधी या पाकिस्तान ज़िंदाबाद नारा नहीं लगाया था.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले की डुमरियागंज सीट से नवनिर्वाचित सपा विधायक सैयदा ख़ातून ने कहा कि उनकी जीत से कुछ लोग बौखलाए हुए हैं, जो इस क्षेत्र को नफ़रत की आग में जलाना चाहते हैं. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान इस सीट से दोबारा मैदान में उतरे भाजपा प्रत्याशी राघवेंद्र प्रताप सिंह के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक बयानबाज़ी को लेकर एफ़आईआर दर्ज की गई थी.
इलाहाबाद ज़िले के हंडिया विधानसभा क्षेत्र का मामला है. पुलिस ने बताया कि झंडे आदि के आधार पर वीडियो से प्रथमदृष्टया यह समाजवादी पार्टी की सभा प्रतीत होता है. हालांकि हंडिया सीट से सपा के उम्मीदवार हाकिम लाल बिंद ने इसका खंडन करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के लोगों द्वारा वीडियो को एडिट करके जारी किया गया है, जिसका मक़सद इस चुनाव को ‘हिंदू बनाम मुस्लिम’ करना था.