पुलवामा हमले के बाद हालात ऐसे हैं कि भाजपा इसका राजनीतिक लाभ लेने के लोभ से बच ही नहीं सकती. नरेंद्र मोदी के लिए इससे बेहतर और क्या होगा कि नौकरियों की कमी और कृषि संकट से ध्यान हटाकर चुनावी बहस इस बात पर ले आएं कि देश की रक्षा के लिए सर्वाधिक योग्य कौन है?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायरान तरीके से हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें भारत के अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए थे और इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
इससे पहले 17 फरवरी को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारूक के साथ चार अन्य अलगाववादी नेताओं शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट की सुरक्षा वापस ले ली थी.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के विचारों को धैर्य से सुना गया होता, उस पर सोचा गया होता और उनकी राजनीतिक साख पर विचार किया गया होता तो उनके ख़िलाफ़ ऐसा निराश और हताश करने वाला दुष्प्रचार न चला होता.
पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि मेघालय के राज्यपाल का बयान बहुत ही खेदजनक है. भारत सरकार को उन्हें तुरंत बर्ख़ास्त करना चाहिए.
राष्ट्र के नाम पैगाम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक वीडियो संदेश में कश्मीर में गुरुवार हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों पर प्रतिक्रिया की.
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में सज़ा-ए-मौत देने के मामले में चार दिन तक चलने वाली सुनवाई के दौरान दोनों देश अपनी-अपनी दलीलें रखेंगे. भारत की कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच यानी कांसुलर एक्सेस मुहैया कराने की मांग.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ के अलावा शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट की भी सुरक्षा वापस ले ली है.
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एडवाइज़री जारी करते हुए कहा था है कि आतंकवाद के चलते पाकिस्तान जाने से पहले दोबारा सोचें अमेरिकी नागरिक.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के तकरीबन 40 जवान मारे गए हैं.
‘मित्रो मरजानी’ के बाद सोबती पर पाठक फ़िदा हो उठे थे. ये इसलिए नहीं हुआ कि वे साहित्य और देह के वर्जित प्रदेश की यात्रा पर निकल पड़ी थीं. ऐसा हुआ क्योंकि उनकी महिलाएं समाज में तो थीं, लेकिन उनका ज़िक्र करने से लोग डरते थे.
भाजपा विधायक और राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने एक सभा में कहा, 'वे हर शहर में एक पाकिस्तान चाहते हैं. आपके भगवान मंदिरों में रो रहे हैं. उनकी पूजा करने के लिए कोई नहीं है.'
हैप्पीमॉन जैकब की हालिया किताब ‘द लाइन ऑफ कंट्रोल, ट्रैवलिंग विद द इंडियन एंड पाकिस्तानी आर्मी’ भारत-पाकिस्तान संबंधों की जटिलता को बहुत गहराई और दिलचस्प तरीके से हमारे सामने रखती है.
प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल ज़िले स्थित करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर ज़िले में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित गलियारे की आधारशिला रखी.
फ़हमीदा रियाज़ को पाकिस्तान के साहित्यिक हलकों में महिला अधिकारों की सबसे साहसी पैरोकार माना जाता था, जिन्होंने कलम चलाते वक्त किसी सरहद, किसी बंधन को नहीं माना.