कोलकाता पुलिस ने बंगालियों को लेकर नफ़रती टिप्पणी के आरोप में परेश रावल को समन जारी किया

माकपा नेता मोहम्मद सलीम की शिकायत पर अभिनेता और भाजपा के पूर्व सांसद परेश रावल के ख़िलाफ़ कोलकाता पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. उन्होंने दावा किया कि रावल ने बांग्लादेशियों, रोहिंग्या, बंगाली और मछली से गैस सिलेंडर को जोड़कर बंगालियों का अप्रिय संदर्भ दिया था.

गुजरात चुनाव में ‘नफ़रती भाषण’ के लिए परेश रावल के ख़िलाफ़ कोलकाता पुलिस ने केस दर्ज किया

माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने शिकायत में कहा है कि अभिनेता परेश रावल ऐसा भाषण दे रहे हैं, जो बंगाली समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत की भावना को भड़का सकता है. इस बीच रावल ने अपने बयान के लिए माफ़ी मांग ली है.

भाजपा के पूर्व सांसद और अभिनेता परेश रावल राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष नियुक्त

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का अध्यक्ष पद साल 2017 से ख़ाली था. इस पद पर परेश रावल की​ नियुक्ति चार वर्षों के लिए की गई है.

भाजपा ने सार्वजनिक विमर्श की गरिमा को गिराया है: कांग्रेस

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को बताया सीरियल एब्यूजर, कहा- प्रधानमंत्री अपशब्दों का प्रयोग करते हैं और उनके मंत्री ताली बजाते हैं. भाजपा बोली, मोदी विपक्षी हमलों के पीड़ित.

फ़र्ज़ी ट्वीट कर परेश रावल ने कराई फ़ज़ीहत, मांगी माफ़ी

भाजपा सांसद ने लिखा, ‘मुंबई ताज हमले में शहीद मेजर संदीप उन्नीकृष्णन बेंगलुरु से हैं. उन्हें राज्य सरकार द्वारा 21 बंदूकों की सलामी नहीं दी गई!’

क्यों फर्ज़ी ख़बरें भाजपा की पहचान बनती जा रही हैं?

किसी व्यक्ति या संस्थान के व्यक्तित्व को कुछ शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है. ‘वंशवाद’ शब्द से सीधे कांग्रेस हमारे दिमाग मे आती है. भ्रष्टाचार शब्द से यूपीए हमारे दिमाग में आता है. वहीं फेक या फ़र्जी शब्द अब भाजपा की मिल्कियत बनता जा रहा है.

फिर फर्ज़ी ख़बर फैलाते पाए गए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा

सोशल मीडिया पर भारतीय सैनिकों की फर्ज़ी तस्वीर और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का फर्ज़ी वीडियो साझा करने के बाद संबित पात्रा एक बार फिर झूठी ख़बर फैलाते हुए पाए गए हैं.

अरुंधति रॉय वाली ख़बर फ़र्ज़ी थी तो भी मुझे कोई खेद नहीं है: परेश रावल

परेश रावल ने कहा, 'अगर उन्हें सेना की जीप से बांधा जाता तो पथराव करने वाला कोई भी व्यक्ति उन पर हमला नहीं करता क्योंकि वह उनकी विचारधारा का समर्थन करती हैं.'

जिस ख़बर के आधार पर परेश रावल और मीडिया ने अरुंधति पर हमला बोला, वो फर्ज़ी थी

परेश रावल और उनके समर्थकों का कहना था कि उनका गुस्सा अरुंधति रॉय की कश्मीर पर की गई हालिया टिप्पणी पर था. पर असलियत ये है कि अरुंधति ने ये टिप्पणी कभी की ही नहीं थी.

सत्ता का विरोध देशद्रोह घोषित किया जा चुका है

पहले भी सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या की जाती थी. इनकी हत्या में सत्ताधारी सांसद और पुलिस अधिकारी भी शामिल होते थे. लेकिन पहले यह सब चुपचाप होता था. अब नया राजनीतिक माहौल ऐसा है कि अपराधी अपनी मंशाएं खुलेआम ज़ाहिर कर सकते हैं.