भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगाए गए 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोपों को लेकर लोकसभा की एथिक्स कमेटी की सिफ़ारिश पर उन्हें सदन से निष्काषित कर दिया गया. इसके बाद मोइत्रा ने कहा कि अगर मोदी सरकार को लगता है कि उन्हें चुप कराकर अडानी मुद्दे को भुला दिया जाएगा है, तो वो ग़लत है.
राज्यसभा सचिवालय द्वारा अधिसूचनाओं की एक श्रृंखला में सांसदों को कई दिशानिर्देश दिए गए हैं. इनमें से एक कहता है कि किसी भी विदेशी सरकार या इकाई से मिले निमंत्रण विदेश मंत्रालय के ज़रिये भेजे जाएं. साथ ही, सांसद निजी विदेश यात्राओं के दौरान विदेशी आतिथ्य स्वीकारने के लिए केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति लें.
कैश फॉर क्वेरी के आरोपों से घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफ़ारिश पर एथिक्स कमेटी में शामिल विपक्ष के सदस्यों ने कहा है कि इसने अपनी जांच ‘अनुचित जल्दबाज़ी’ और ‘संपूर्ण औचित्य की कमी’ के साथ की है. यह सिफ़ारिश ‘पूरी तरह से राजनीतिक कारणों से की गई है और एक ख़तरनाक मिसाल पैदा करेगी’.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि संसद में अडानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को रिश्वत के रूप में ‘नकद’ और ‘उपहार’ दिए गए थे. इस संबंध में वह संसद की एथिक्स कमेटी के समक्ष उपस्थित हुई थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे अपमानजनक और पूर्वाग्रह से ग्रसित व्यवहार किया गया.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद की एथिक्स समिति को पत्र लिख कहा है कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में बसपा सांसद दानिश अली के ख़िलाफ़ मुस्लिम विरोधी हेट स्पीच का इस्तेमाल किया था. अक्टूबर में व्यस्तताओं का हवाला देते हुए वह संसदीय समिति के समक्ष पेश नहीं हुए. उन्होंने कहा कि इस दोहरे मापदंड में राजनीतिक उद्देश्यों की बू आती है.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने यह भी कहा है कि अगर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी- भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जिनके द्वारा मोइत्रा को रिश्वत मिलने का आरोप लगाया है- को एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने को कहा जाता है, तो उन्हें उनसे जिरह करने का मौका दिया जाना चाहिए.