महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस के जरिये पिछले साल नवंबर में साल 2020 के कथित फ़र्ज़ी टीआरपी मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी सहित 22 आरोपियों के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर वापस लेने की अर्ज़ी दायर की थी.
सरकार का यह क़दम अक्टूबर 2020 में कथित टीआरपी घोटाले के बाद रेटिंग के निलंबन के साल भर बाद आया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीआरपी सेवाओं के उपयोग के लिए ‘रिटर्न पाथ डेटा’ क्षमताओं का लाभ उठाने पर विचार के लिए प्रसार भारती के सीईओ की अध्यक्षता में एक ‘कार्य समूह’ का गठन भी किया है.
बीते साल अक्टूबर में सामने आए कथित टीआरपी छेड़छाड़ मामले में मुंबई पुलिस ने स्थानीय अदालत में पूरक चार्जशीट दाख़िल की है, जिसमें रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और चैनल चलाने वाली कंपनी एआरजी आउटलायर के चार लोगों को आरोपी बनाया गया है.
2013 से 2019 तक ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के सीईओ रहे पार्थो दासगुप्ता को बीते साल दिसंबर में गिरफ़्तार किया गया था. दासगुप्ता पर पद का दुरुपयोग करने और रिपब्लिक टीवी चलाने वाली कंपनी एआरजी आउटलायर मीडिया एवं इसके प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी से साठगांठ कर टीआरपी में छेड़छाड़ करने का आरोप है.
2013 से 2019 तक बार्क के सीईओ रहे पार्थो दासगुप्ता को टीआरपी छेड़छाड़ मामले में बीते दिसंबर में गिरफ़्तार किया गया था. उनकी ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई की एक अदालत ने कहा कि अगर उन्हें इस चरण पर ज़मानत मिली, तो हर संभावना है कि वे सबूतों और गवाहों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
रिपब्लिक टीवी चलाने वाली एआरजी आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टीआरपी घोटाला मामले में उसके ख़िलाफ़ एफ़आईआर रद्द करने की याचिका पर सुनवाई कर रही बाॅम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष मुंबई पुलिस ने याचिकाकर्ता के कर्मचारियों को ग़लत तरीके से फ़ंसाने के आरोपों से इनकार किया था.
टीआरपी व्यवस्था को विश्वसनीय बनाने का काम अब बार्क के आसरे नहीं हो सकता. माना जा रहा है कि रिपब्लिक मामले के बाद बार्क एक निष्पक्ष भूमिका निभाने की स्थिति में है, लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि एनबीए के कुछ अन्य सदस्य जैसे इंडिया टुडे टीवी भी इस तंत्र के बेजा इस्तेमाल को लेकर जांच के दायरे में हैं.
रिपब्लिक टीवी की ओर से दिल्ली की एक अदालत में टाइम्स नाउ की एंकर नविका कुमार के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मामला दायर करते हुए कहा गया है कि वे अर्णब गोस्वामी से जलती हैं क्योंकि अर्णब ने टाइम्स नाउ से अलग होकर अपना चैनल शुरू किया और यह एक साल में ही अग्रणी चैनल बन गया.
रिपब्लिक ने इंडियन एक्सप्रेस द्वारा 25 जनवरी को प्रकाशित एक रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है जिसमें पूरक चार्जशीट के हवाले से दावा किया गया था कि रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी ने बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को टीआरपी रेटिंग में हेरफेर के लिए बड़ी धनराशि दी थी.
बीसीसीएल ने एक बयान में कहा कि जुलाई 2020 की बार्क की फॉरेंसिक रिपोर्ट तथा कई ईमेल और वॉट्सऐप चैट से बार्क के अधिकारियों के द्वारा टाइम्स नाउ की टीआरपी कम करने की बात स्पष्ट रूप से पता चलती है, जिसे लेकर वे बार्क के ख़िलाफ क़ानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया तो फिर वह जांच का आदेश क्यों नहीं दे रहे हैं. प्रधानमंत्री जांच का आदेश नहीं दे रहे हैं तो इसका सिर्फ़ एक कारण है कि वह ख़ुद वही व्यक्ति हैं जिसके ज़रिये यह सूचना पत्रकार तक पहुंची.
टीआरपी हेराफेरी मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने कहा है कि उन्हें टीआरपी से छेड़छाड़ करने के एवज में रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी से तीन सालों में दो फैमिली ट्रिप के लिए बारह हज़ार डॉलर और कुल चालीस लाख रुपये मिले थे.
वीडियो: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अति महत्वपूर्ण मुद्दों को ‘टीआरपी तमाशा’ बना दिया गया है. ‘रिपब्लिक टीवी’ के संपादक अर्णब गोस्वामी और टीआरपी रेटिंग एजेंसी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच लीक हुए कथित वॉट्सऐप चैट को लेकर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की उनसे बातचीत.
अर्णब गोस्वामी और ब्रॉडकास्ट आडिएंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व प्रमुख के बीच वॉट्सऐप बातचीत के संबंध में न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने भारतीय टीवी प्रसारण फाउंडेशन से अपील की है कि टीवी रेटिंग में हेरफेर से संबंधित मामले के अदालत में लंबित रहने तक रिपब्लिक टीवी की सदस्यता भी तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाए.
टीआरपी छेड़छाड़ मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अर्णब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की कथित वॉट्सऐप चैट भी संलग्न है. यह बातचीत दिखाती है कि अर्णब की पीएमओ सहित कई ऊंची जगहों तक पहुंच है और उन्हें कई महत्वपूर्ण सरकारी निर्णयों की जानकारी थी.