उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले के बेरीनाग इलाके में एक दक्षिणपंथी समूह ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एक विरोध रैली कर मांग उठाई कि क्षेत्र के घर के अंदर अवैध रूप से बनाई गई मस्जिद को हटाया जाना चाहिए. प्रशासन का कहना है कि उसने इमारत के मालिक से इस बाबत स्पष्टीकरण मांगा है.
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है. भारी बारिश से कई मकान ढह गए. कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं. सड़कों, पुलों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य भर में भारी क्षति हुई है. सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगेगा. धामी ने राहत प्रयासों के लिए प्रत्येक ज़िलाधिकारियों को 10-10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
राज्य के हजारों ग्रामीणों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन के अनाज की कम आपूर्ति की शिकायत की है और उन्होंने हेलीकॉप्टर से उनके कोटे की आपूर्ति पूरी कराने की मांग की है. जिला प्रशासन ने कहा कि वह ग्रामीणों को समय पर राशन भेजेगा और ठेकेदार के खिलाफ पहले ही लापरवाही का मामला दर्ज किया जा चुका है.
नेपाल के राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शे में भारत के तीन क्षेत्रों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को शामिल करने के लिए संविधान संशोधन के पक्ष में ऊपरी सदन के 57 मौजूद सदस्यों ने मतदान किया. विधेयक को क़ानून बनने के लिए अब राष्ट्रपति विद्या भंडारी की मंज़ूरी हासिल करनी होगी.
विधेयक को अब नेपाल की नेशनल असेंबली में भेजा जाएगा, जहां से पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति विद्या भंडारी की मंजूरी हासिल करनी होगी जिसके बाद यह क़ानून बनेगा. भारत ने कहा है कि यह लंबित सीमा मुद्दों का बातचीत के ज़रिये समाधान निकालने की हमारी वर्तमान समझ का भी उल्लंघन है.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के लिए देशव्यापी लॉकडाउन तोड़ने वाले व्यक्तियों और विशेष तौर पर उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया, जो भारत से नेपाल में प्रवेश कर रहे हैं.
भारत और नेपाल दोनों लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को अपनी सीमा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं. हाल ही में जारी नए राजनीतिक मानचित्र में नेपाल ने इन हिस्सों को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया है.
नेपाल कैबिनेट के नए राजनीतिक मानत्रिच में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया गया है. भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपनी सीमा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लिपूलेख दर्रे को उत्तराखंड के धारचूला से जोड़ने वाली रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सर्कुलर लिंक रोड का उद्घाटन किया था.
नेपाल सरकार ने स्पष्ट किया कि कालापानी का इलाका उसकी सीमा में आता है और दोनों देशों के बीच सीमा संबंधित लंबित सभी मुद्दों पर कोई भी एकतरफा कार्रवाई उसे अस्वीकार्य है.
उत्तराखंड में बन रहे पंचेश्वर बांध से करीब 80 हज़ार से ज़्यादा लोग प्रभावित होंगे. जिसमें मुख्यतः किसान, मज़दूर और मछुआरे हैं.
उत्तराखंड में बन रहे पंचेश्वर बांध से 122 गांव डूब जाएंगे. यहां रहने वाले लोगों को सरकारों की चाहत से ही उजड़ना है और सरकारों के कहे पर ही कहीं और बस जाना है.