23 सितंबर 2019 को पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में घोटाले का पता चला था, जिसके बाद आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को अपने नियंत्रण में ले लिया था और बैंक पर कई तरह के नियामकीय प्रतिबंध लगा दिए थे.
देश में कुल 1,482 शहरी सहकारी और 58 के क़रीब बहु-राज्यीय सहकारी बैंक हैं, जिनसे 8.6 करोड़ ग्राहक जुड़े हैं. इन बैंकों में लगभग 4.85 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जमा है. सरकार का कहना है कि इस क़दम का उद्देश्य पीएमसी बैंक जैसे घोटाले रोकना है.
लाइसेंस के रद्द होने से सीकेपी सहकारी बैंक के क़रीब 11,500 जमाकर्ताओं और निवेशकों के अलावा क़रीब सवा लाख के खाताधारकों के सामने संकट खड़ा हो गया है. बैंक की 485 करोड़ रुपये की एफडी भी अधर में अटक गई है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक पर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर 23 सितंबर 2019 को छह महीने के लिए नियामकीय रोक लगा दी थी, जिसे अब बढ़ाकर 22 जून 2020 तक कर दी गई है.
राज्य सरकार के वित्त विभाग की ओर से सभी सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों और निगमों को बैंकिंग संबंधी क्रियाकलाप सिर्फ सरकारी बैंकों के साथ करने को कहा गया है. विभाग ने यह भी कहा है कि वेतन व भत्ता समेत सभी सरकारी योजनाओं का पैसा रखने के लिए निजी या सहकारी बैंकों में खोले गए सभी खाते एक अप्रैल तक बंद करा दिए जाने चाहिए.
निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी ने यस बैंक में 1,000-1,000 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है. वहीं एक्सिस बैंक 60 करोड़ शेयर खरीदने के लिये 600 करोड़ रुपये निवेश करेगा. इसके अलावा कोटक महिन्द्रा बैंक ने भी 500 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है.
यस बैंक द्वारा दिया गया कुल कर्ज़ वित्त वर्ष 2017 से 2019 के बीच 1,32,000 करोड़ रुपये बढ़ गया. बैंक ने अपने अस्तित्व के 17 वर्षों में जितना कर्ज़ दिया था, क़रीब उतना इन दो वर्षों में दिया गया. वे कॉरपोरेट कर्ज़दार कौन थे, जिन्हें निजी क्षेत्र के इस बैंक ने नोटबंदी और जीएसटी के बाद के दो सालों में बिना कुछ सोचे-समझे इतना कर्ज़ दिया?
ईडी अधिकारियों का कहना है कि राणा कपूर को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है. उन्हें रविवार को मुंबई की एक अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को शनिवार को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर लाया गया है. उनके खिलाफ यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के संबंध में की गई है.
वडोदरा नगर निगम के उपायुक्त सुधीर पटेल ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत मिले अनुदान के हिस्से के रुप में यह राशि केंद्र सरकार से मिली थी. यस बैंक द्वारा सामना की जा रही परेशानियों को देखते हुए इसे दो दिन पहले निकाल लिया गया और बैंक ऑफ बड़ौदा के एक नए खाते में स्थानांतरित कर दिया गया.
भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि यस बैंक पर यह निकासी रोक पांच मार्च से तीन अप्रैल तक जारी रहेगी. इसके साथ ही बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया गया है.
आरबीआई के निर्देश के अनुसार बेंगलुरु के श्री गुरु राघवेंद्र को-ऑपरेटिव बैंक का कोई ग्राहक अपने खाते से अभी 35,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल सकता है. इसके बाद से बैंक के जमाकर्ता, विशेषरूप से वरिष्ठ नागरिक अपनी जमापूंजी को लेकर चिंतित हैं.
आरटीआई के तहत पूछे गये सवाल के जवाब में आरबीआई ने कहा कि केंद्रीय बैंक की शुरुआती जांच पड़ताल से पता चलता है कि पीएमसी बैंक में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं.
आरबीआई ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा कि विवाह, शिक्षा, जीवनयापन जैसी अन्य आवश्यकताओं के लिए निकासी सीमा 50 हजार रुपये है. हालांकि, आपात स्थिति में जमाकर्ता केंद्रीय बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक से मिलकर एक लाख रुपये तक की निकासी की मांग कर सकते हैं.
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किए गए रंजीत सिंह पीएमसी बैंक के एक निदेशक भी हैं. वे भाजपा के पूर्व विधायक सरदार तारा सिंह के बेटे हैं.