यूपी: पुलिस जांच में ढिलाई का आरोप लगाते हुए ख़ुद को आग लगाने वाले दलित किसान की मौत

उन्नाव ज़िले के एक 32 वर्षीय दलित किसान ने उनके पड़ोसी के ख़िलाफ़ दर्ज भूमि विवाद के केस में पुलिस द्वारा कथित ढिलाई से परेशान होकर 27 दिसंबर को एसपी कार्यालय के बाहर ख़ुद को आग लगा ली थी. इलाज के दौरान शुक्रवार को उनकी मौत हो गई.

आपराधिक जांच के ख़राब स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के लिए ‘जांच संहिता’ लाने को कहा

एक मामले में हत्या के आरोपियोंं को संदेह के लाभ के आधार पर बरी करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मामले की पुलिस जांच पर कई सवाल खड़े किए और कहा कि पुलिस की घटिया जांच के कारण उसके पास अपीलकर्ताओं को संदेह का लाभ देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

बिना वजह गिरफ़्तारियां न्यायिक प्रणाली पर बोझ डालती हैं: पूर्व सीजेआई यूयू ललित

पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने एक कार्यक्रम में कहा कि हाल के दिनों में गिरफ़्तारियां स्वाभाविक रूप से, बार-बार और बिना किसी कारण के की जा रही हैं. गिरफ़्तारी यह देखे बिना की जाती है कि क्या इसकी आवश्यकता है. दीवानी विवादों को आपराधिक मामलों के रूप में पेश किया जाता है और यह न्यायिक प्रणाली पर बोझ डालता है.

अमित शाह ने पुलिस के युवा अधिकारियों से कहा- प्रचार और सोशल मीडिया से दूर रहें

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस को ग़रीब, दलित एवं आदिवासियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. पुलिस की छवि में सुधार के लिए ‘संवाद और संवेदना’ दोनों जरूरी है. जनसंपर्क के बग़ैर अपराध के बारे में सूचना जुटाना मुश्किल है, इसलिए एसपी-डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारियों को तहसील तथा गांवों में जाना चाहिए और लोगों से मिलना चाहिए.