वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा गिरफ़्तार, पत्रकारों ने प्रेस पर हमला बताया

विनोद वर्मा ने कहा है कि उनके पास छत्तीसगढ़ के पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत की सेक्स सीडी है और यही कारण है कि छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें फंसा रही है.

कथित नक्सली का एनकाउंटर और न्याय के लिए भटकती आदिवासी महिला का संघर्ष

झारखंड के गिरिडीह ज़िले में पुलिस द्वारा नक्सली बताकर मारे गए मोतीलाल बास्के की पत्नी पार्वती मुर्मू इंसाफ़ के लिए संघर्ष कर रही हैं.

बेरहम नहीं हो सकती पुलिस, उन्हें सभ्य बनना होगा: राजनाथ

रैपिड एक्शन फोर्स की रजत जयंती समारोह पर जवानों को संबोधित करते केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दंगे और प्रदर्शनों जैसी चुनौतीपूर्ण हालात से निपटते वक्त वे धैर्य रखें.

कश्मीर से ग्राउंड रिपोर्ट: क्यों घाटी में पुलिसवाला होना सबसे मुश्किल काम है

कश्मीरी पुलिसकर्मी अपने पेशे के चलते आतंकियों के लिए घृणा का पात्र बन जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी फिक्र करता कोई नहीं दिखता.

कश्मीर में सेना के जवानों पर पुलिसकर्मियों से हाथापाई का आरोप, सात घायल

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सेना के जवानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

कश्मीर में सेना के जवान ‘शहीद’ होते हैं, पुलिस के जवान ‘मारे’ जाते हैं

जब एक आतंकवादी मारा जाता है, तो उसे भी उसके हिस्से का सम्मान मिलता है, उसके परिवार को खुलकर मातम मनाने की आजादी मिलती है. लेकिन, पुलिसकर्मियों की मातमपुर्सी में बहुत कम लोग आते हैं.

यूपी: बलात्कारियों को पकड़ने के एवज में पुलिसकर्मी ने पीड़िता से की संबंध बनाने की मांग

सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई इस महिला का कहना है कि पुलिसकर्मी की अनुचित मांगें न मानने पर उसने मामले को बंद करने के लिए क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल की है.

​हरियाणा में 15 दलितों पर राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज़

पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने करीब तीन महीने पहले तब भड़काऊ भाषण दिए थे जब वे हत्या के आरोपी चार दलितों की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे थे.

क्या एक आदिवासी की हत्या का जश्न मना रही है झारखंड पुलिस?

झारखंड के गिरिडीह ज़िले में पुलिस ने जिस व्यक्ति को नक्सली बताकर मार डाला था, उसे निर्दोष बताते हुए आदिवासी और मज़दूर संगठन प्रदेश में आंदोलन कर रहे हैं.

किसी भी तरह के उकसावे पर सैन्य बलों को ग़ैर-क़ानूनी तरीकों का सहारा नहीं लेना चाहिए

सरकार के हिंसा पर एकाधिकार को तब ही स्वीकार किया जा सकता है जब वह क़ानून के दायरे में हो; अगर ऐसा नहीं है तब कोई उसके इस एकाधिकार को तोड़ता है तो उसे ग़लत नहीं ठहराया जा सकता.

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