बीते दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की बृहस्पतिवार को की गई टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिसमें श्रीनेत ने कहा था कि पार्टी के अंदर गुस्सा करने के लिए कोई जगह नहीं है. अमरिंदर द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को कथित तौर पर ‘अनुभवहीन’ बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीनेत ने यह बात कही थी.
वीडियो: अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़ा देने के बाद उनकी जगह कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया है. वह इस राज्य का मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं. चन्नी अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर ज़िले के चमकौर साहिब क्षेत्र से विधायक हैं. इस सियासी बदलाव पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
पिछले दशकों में गुजरात भाजपा का सबसे सुरक्षित गढ़ रहा है और आज की तारीख़ में वह प्रधानमंत्री व गृहमंत्री दोनों का गृह प्रदेश है. अगर उसमें भी भाजपा को हार का डर सता रहा है तो ज़ाहिर है कि उसने अपनी अजेयता का जो मिथक पिछले सालों में बड़े जतन से रचा था, वह दरक रहा है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मीडिया के ज़रिये पता चला है कि पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में नहीं, बल्कि ग़ैर-दलित के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा, जिससे यह साफ़ ज़ाहिर है कि कांग्रेस को अब भी दलितों पर पूरा भरोसा नहीं है. ‘जातिवादी दल’ दलितों को जो भी दे रहे हैं, वह उनके वोट पाने के लिए और स्वार्थ सिद्धि के लिए है, न कि उनके उत्थान के लिए. दलितों को इससे सावधान
कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब का मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं. चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर ज़िले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की.
चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित सिख मुख्यमंत्री होंगे. उन्हें सर्वसम्मति से राज्य कांग्रेस के विधायक दल का नेता चुना गया है. वह इससे पहले अमरिंदर सिंह सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया था.
कांग्रेस पार्टी में कलह को लेकर पूछे गए सवाल पर अंबिका सोनी ने कहा कि कोई कलह नहीं है. अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके जवाब में उन्होंने वही बात दोहराई कि पंजाब का मुख्यमंत्री सिख होना चाहिए. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा सौंपा है. इस्तीफ़ा देते वक्त अमरिंदर सिंह ने कहा कि ये राजनीति होती है. ये फैसला जिस भी वजह से लिया गया, जितना फैसला था सब कांग्रेस अध्यक्ष ने लिया.
बीते 11 सितंबर को विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था, जिसके बाद 13 सितंबर को भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. नए मंत्रिपरिषद में किसी पुराने मंत्री को जगह न मिलने पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा है कि दोनों ने अपनी नाकामियां छिपाने के लिए रूपाणी कैबिनेट के सभी मंत्रियों को बाहर कर दिया.
एनसीआरबी के मुताबिक़, साल 2020 में फेक न्यूज़ के 1,527 मामले रिपोर्ट किए गए, जो साल 2019 में आए 486 और साल 2018 के 280 मामलों की तुलना में काफ़ी अधिक हैं.
राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान इकाई द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हल्के अंदाज़ में कहा कि भाजपा अध्यक्ष रहते हुए उन्हें कोई भी ऐसा नहीं मिला जो दुखी न हो.
दिसंबर 2017 में दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने विजय रूपाणी ने 11 सितंबर को पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. रूपाणी की बेटी राधिका ने एक फेसबुक पोस्ट के ज़रिये उन सभी लोगों को जवाब दिया है, जो उनके पिता की सरल छवि को लेकर उन पर निशाना साधे हुए थे.
हरियाणा के ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहे पवन बेनीवाल, हिसार से भाजपा नेता एवं उद्यमी अशोक गोयल, पूर्व सांसद तारा सिंह के पुत्र और इंडियन नेशनल लोक दल नेता कंवरजीत सिंह उर्फ़ प्रिंस कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
गुजरात में विधानसभा चुनाव से लगभग 15 महीने पहले बीते 11 सितंबर को विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. कोरोना वायरस महामारी के दौरान भाजपा शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं. इससे पहले उत्तराखंड में दो बार और कर्नाटक में एक बार मुख्यमंत्री बदले जा चुके हैं.
कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कागवाड़ से विधायक श्रीमंत पाटिल उन 16 विधायकों मे शामिल थे, जो 2019 में कांग्रेस पार्टी से भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद राज्य की एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार गिर गई थी. पाटिल का कहना है कि पैसे की यह पेशकश ‘ऑपरेशन लोटस’ के दौरान की गई थी, जब येदियुरप्पा सरकार सत्ता में आई थी.