त्रिपुरा का विपक्षी दल टिपरा मोथा राज्य की जनजातीय आबादी के संवैधानिक समाधान की मांग कर रहा है. आदिवासियों के लिए ग्रेटर टिपरालैंड राज्य और त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त ज़िला परिषद को सीधे वित्तपोषण जैसी अपनी अन्य मांगों को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ कई वार्ताओं में भी शामिल रहा है.
कोकबोरोक को 1979 में त्रिपुरा में आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी. हाल ही में त्रिपुरा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के प्रमुख ने कथित तौर पर दावा किया था कि बोर्ड के छात्रों को कोकबोरोक परीक्षा देते समय केवल बंगाली लिपि का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी. टिपरा मोथा पार्टी ने कहा है कि वह क़ानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
त्रिपुरा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रद्योत किशोर देबबर्मा की अगुवाई वाले ‘टीआईपीआरए मोठा’ ने त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वायत्त ज़िला परिषद चुनाव में 28 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की है. भाजपा को नौ सीटें मिली हैं, वहीं उसके सहयोगी दल आईपीएफटी के अलावा कांग्रेस और माकपा किसी भी सीट पर जीत दर्ज करने में नाकाम रहे.