राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध राष्ट्र सेविका समिति ने 11 जून को ‘गर्भ संस्कार’ अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को भगवत गीता व रामायण पढ़ने, मंत्रोच्चार करने और योग आदि के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि 'संस्कारी, देशभक्त' बच्चे पैदा हों.
सामाजिक कल्याण विभाग की अधिकारी ने बताया कि ये उबले अंडे मेघालय के 46 ब्लॉकों में तीन से छह वर्ष आयु समूह के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को एकीकृत बाल विकास योजना केंद्रों पर उपलब्ध कराए गए गर्म पके भोजन के अलावा हैं.
मेघालय हाईकोर्ट राज्य में कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी से 877 नवजात शिशुओं और 61 मांओं की मौत पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
भारतीय स्टेट बैंक ने गर्भवती महिला उम्मीदवारों के लिए निर्धारित नियमों सहित बैंक में भर्ती संबंधी फिटनेस मानदंड की हाल में समीक्षा की थी. समीक्षा के बाद जारी नए नियमों के तहत तीन माह से अधिक अवधि की गर्भवती महिला उम्मीदवारों को अस्थायी रूप से अयोग्य माने जाने की बात कही गई थी और कहा गया था कि गर्भवती महिलाएं प्रसव के चार महीने के भीतर ही नौकरी शुरू कर सकती हैं.
चौदह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जनसंख्या, प्रजनन व बाल स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पोषण और अन्य विषयों के प्रमुख संकेतकों से जुड़े तथ्य 2019-21 एनएफएचएस -5 के चरण दो के तहत जारी किए गए हैं. सर्वे के मुताबिक़, बच्चों और महिलाओं में एनीमिया चिंता का विषय बना हुआ है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने औपचारिक रूप से घोषणा की है कि गर्भवती महिलाएं अब कोविन पोर्टल पर टीकाकरण के लिए पंजीकरण कर सकती हैं या इसके लिए निकटतम कोविड टीकाकरण केंद्र जा सकती हैं.
ओडिशा के मयूरभंज ज़िले का मामला है. गर्भवती महिला अपने पति के साथ बाइक पर स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल जा रही थीं. पति ने हेलमेट पहन रखा था, लेकिन गर्भवती महिला स्वास्थ्य कारणों से हेलमेट नहीं पहने हुई थीं. ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए महिला पुलिस अधिकारी ने उन पर जुर्माना लगा दिया था.
मामला उत्तर केरल के मलप्पुरम ज़िले का है. 20 वर्षीय गर्भवती महिला को तीन अस्पतालों ने कथित तौर पर भर्ती करने से मना कर दिया था. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को इसकी जांच का निर्देश दिया है.
मुजफ़्फ़रपुर में सरकारी संस्थागत प्रसव प्रोत्साहन योजना के तहत लाभार्थी के रूप में आम महिलाओं का रिकॉर्ड दिखाकर उनके नाम पर पैसों की हेरफेर का मामला सामने आया है. 18 महिलाओं को लाभार्थी दिखाकर पैसे ट्रांसफर हुए लेकिन इनमें से न कोई महिला गर्भवती थी, न ही उन्हें इस बारे में कोई जानकारी थी.
मामला बेंगलुरु का है, जहां अस्पतालों द्वारा भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार किए जाने के बाद महिला ने ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन अस्पतालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
बीते पांच जून को नोएडा के कम से कम आठ अस्पतालों ने कोरोना संक्रमित होने के संदेह में आठ माह की एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया था. करीब 13 घंटे तक परिवार द्वारा कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया था.
नोएडा में बीते दिनों नौ महीने की गर्भवती महिला के इलाज के लिए परिवार वाले 13 घंटे तक अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, पर इलाज न मिलने पर एंबुलेंस में ही महिला की मौत हो गई. एक अन्य मामले में गर्भवती महिला ने समय पर इलाज न मिलने पर अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर मृत बच्चे को जन्म दिया था.
चिकित्सा संस्थान आईसीएमआर ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा गर्भवती महिलाएं जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं और वह बच्चे को जन्म देने वाली हैं तो उन्हें अस्पताल में इसकी जांच करानी चाहिए. इसके लिए नमूने जमा करने और प्रयोगशाला तक उसे भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए.
नीति आयोग के एक सर्वे से ये जानकारी सामने आई है. आईसीडीएस योजना के तहत छह महीने से छह वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण कार्यक्रम का लाभ दिया जाता है.
तमिलनाडु के विरुधुनगर ज़िले का मामला. सरकारी ब्लड बैंक का एक कर्मचारी बर्ख़ास्त और दो कर्मचारियों को निलंबित किया गया. महिला के पति ने घटना के लिए तमिलनाडु सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया.