केंद्र सरकार विपक्षी राज्यों के ख़िलाफ़ कड़े क़दम लेती है, अपने राज्यों के ख़िलाफ़ नहीं: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने नगालैंड में स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के संवैधानिक प्रावधान का पालन न होने पर केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि वह इस मामले से पल्ला नहीं झाड़ सकता. इसका अमल सुनिश्चित करने के लिए उसे सक्रिय भूमिका निभानी होगी.

मणिपुर हिंसा को सरकार प्रायोजित बताने पर फैक्ट-फाइंडिंग टीम पर दर्ज केस रद्द करने की मांग

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया था. हिंसा को सरकार प्रायोजित बताने पर टीम में शामिल एनी राजा, निशा सिद्धू और दीक्षा द्विवेदी के ख़िलाफ़ राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने, उकसाने और मानहानि से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण का उल्लंघन करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नगालैंड सीएम को नोटिस भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने एक दशक से अधिक लंबे अंतराल के बाद स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने के लिए दिए गए वचन का उल्लंघन करने के लिए नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, राज्य के मुख्य सचिव और आदिवासी नेताओं को नोटिस जारी किया है.

आईटी अधिनियम की निरस्त धारा 66ए के तहत किसी के ख़िलाफ़ मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता: कोर्ट

सीजेआई उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों के पुलिस महानिदेशकों, गृह सचिवों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सक्षम अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बल को धारा 66ए के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के मामले में कोई आपराधिक शिकायत दर्ज न करने दें.

कर्नाटक: हिजाब प्रतिबंध का असर, मुस्लिम छात्राएं बोलीं- अकेले कॉलेज जाने में डर लगता है

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ ने कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब प्रतिबंध के निर्णय के प्रभावों पर अध्ययन किया है, जिसमें कई छात्राओं ने बताया है कि उन्हें कॉलेज बदलकर मुस्लिम संस्थानों में दाखिला लेना पड़ा, अन्य समुदाय के छात्रों के साथ बातचीत सीमित हो गई और उन्होंने अलगाव व अवसाद महसूस किया.

रद्द किए जाने के बाद भी आईटी एक्ट की धारा 66ए का इस्तेमाल गंभीर चिंता का विषय: सुप्रीम कोर्ट

मार्च 2015 में आईटी एक्ट की धारा 66ए रद्द कर दी थी, जिसके तहत आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने पर तीन साल तक की क़ैद और जुर्माने का प्रावधान था. सुप्रीम कोर्ट पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ की उस याचिका को सुन रहा है, जिसमें बताया गया है कि अब भी राज्यों द्वारा इस धारा के तहत केस दर्ज किए जा रहे हैं.

गुजरात और छत्तीसगढ़ संबंधी फैसलों पर पीपुल्स ट्रिब्यूनल ने कहा- बेहद अन्यायपूर्ण

वीडियो: बीते दिनों 2002 के गुजरात दंगों और 2009 में छत्तीसगढ़ में हुए गोमपाड नरसंहार मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की रोशनी में सामाजिक कार्यकर्ताओं और न्यायिक समुदाय ने 'नागरिक स्वतंत्रता पर न्यायिक हमले' नामक पीपुल्स ट्रिब्यूनल का आयोजन किया गया था. इस बारे में सुमेधा पाल की रिपोर्ट.

आईटी अधिनियम की रद्द धारा 66ए के तहत मुक़दमे दर्ज किए जाने पर राज्यों को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने पांच जुलाई को इस बात पर हैरानी ज़ाहिर की थी कि लोगों के ख़िलाफ़ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए के तहत अब भी मुक़दमे दर्ज हो रहे हैं, जबकि शीर्ष अदालत ने 2015 में ही इस धारा को अपने फैसले के तहत निरस्त कर दिया था.

आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत मामले दर्ज न करने की ज़िम्मेदारी राज्यों पर: केंद्र सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2015 को आईटी एक्ट की धारा 66ए रद्द कर दिया था. बीते 5 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इसे ख़त्म किए जाने के बावजूद राज्यों द्वारा इस धारा के तहत केस दर्ज किए जाने पर हैरानी जताते हुए केंद्र सरकार नोटिस जारी किया था. इसके ख़िलाफ़ दायर याचिका में कहा गया है कि असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद भी धारा 66ए के तहत दर्ज होने वाले मामलों में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है.

गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा- आईटी क़ानून की धारा 66ए के तहत मामले दर्ज न किए जाएं

सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2015 को आईटी एक्ट की धारा 66ए रद्द कर दिया था. बीते 5 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इसे ख़त्म किए जाने के बावजूद राज्यों द्वारा इस धारा के तहत केस दर्ज किए जाने पर हैरानी जताते हुए केंद्र सरकार नोटिस जारी किया था.

रद्द होने के 6 साल बाद भी आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत केस दर्ज होने पर सुप्रीम कोर्ट हैरान

सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2015 को आईटी एक्ट की धारा 66ए रद्द कर दिया था. इसके तहत कंप्यूटर या कोई अन्य संचार उपकरण जैसे मोबाइल फोन या टैबलेट के माध्यम से संदेश भेजने के लिए दंड निर्धारित किया गया और दोषी को अधिकतम तीन साल की जेल हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा के ख़त्म किए जाने के बाद भी राज्यों द्वारा इसके तहत केस दर्ज किए जाने पर केंद्र सरकार नोटिस जारी किया है.

एल्गार परिषद मामला: अदालत का स्टेन स्वामी को ज़मानत देने से इनकार

एनआईए जज ने मेडिकल आधार पर भी 84 वर्षीय आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी, जबकि वे पार्किंसन समेत कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं.

एनआईए ने स्टेन स्वामी की ज़मानत याचिका का विरोध किया, दो संगठनों को माओवादी बताया

विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त 83 वर्ष के फादर स्टेन स्वामी को एल्गार परिषद मामले में गिरफ़्तार किया गया था. उनकी ज़मानत का विरोध करते हुए जिस पीसीयूएल को 'माओवादी' बताया गया, उसकी स्थापना समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण ने की थी और भाजपा के रविशंकर प्रसाद और अरुण जेटली इससे जुड़े रहे हैं.

हाथरस मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दायर की, चारों आरोपियों पर गैंगरेप व हत्या के आरोप

उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को ठाकुर जाति के चार युवकों ने कथित तौर पर एक दलित युवती से बलात्कार कर बेरहमी से मारपीट की थी, जिसके बाद इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. सीबीआई ने अभियुक्तों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप भी लगाए हैं.

हाथरस का पीड़ित परिवार सुरक्षित नहीं, अफ़सरों पर चले मुक़दमा: नागरिक अधिकार संस्था

नागरिक अधिकार संस्था ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्‍या के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है. संस्था का कहना है परिवार नज़रबंद जैसी स्थितियों में रह रहा है. सीबीआई को मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच करनी चाहिए.