पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री पद संभालने के साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. अब इसे वापस लेते हुए उन्होंने यह शर्त भी रखी है कि जब तक राज्य के नए महाधिवक्ता को हटा नहीं दिया जाता वह पद की ज़िम्मेदारी फिर से नहीं संभालेंगे.
पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव घोषणा-पत्र में शामिल किए जा सकने वाले 13 मुद्दों को प्रस्तुत करने के लिए पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है. पत्र में उन्होंने बेअदबी के मामलों में न्याय, ड्रग्स, कृषि, रोज़गार, रेत खनन और पिछड़े वर्गों के कल्याण से संबंधित मुद्दों को शामिल किया है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था. अपने त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के चरित्र का पतन समझौतों से शुरू होता है और वे पंजाब के भविष्य और राज्य के कल्याण के एजेंडा को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि वे पार्टी में बने रहेंगे.
कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब का मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं. चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर ज़िले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की.
चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित सिख मुख्यमंत्री होंगे. उन्हें सर्वसम्मति से राज्य कांग्रेस के विधायक दल का नेता चुना गया है. वह इससे पहले अमरिंदर सिंह सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया था.
कांग्रेस पार्टी में कलह को लेकर पूछे गए सवाल पर अंबिका सोनी ने कहा कि कोई कलह नहीं है. अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके जवाब में उन्होंने वही बात दोहराई कि पंजाब का मुख्यमंत्री सिख होना चाहिए. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा सौंपा है. इस्तीफ़ा देते वक्त अमरिंदर सिंह ने कहा कि ये राजनीति होती है. ये फैसला जिस भी वजह से लिया गया, जितना फैसला था सब कांग्रेस अध्यक्ष ने लिया.
नवजोत सिंह सिद्धू के क़रीबी चार मंत्री और तीस से अधिक कांग्रेस विधायकों की नई मांग है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना चाहिए.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पार्टी के ही प्रतिद्वंद्वी खेमे से खुले विद्रोह का सामना कर रहे हैं. चार मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी और क़रीब 24 विधायकों ने मंगलवार को मुलाकात कर कहा कि अमरिंदर सिंह कुछ प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं.
इस फ़ैसले के साथ ही कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के विरोध की अनदेखी करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थन करने का स्पष्ट संकेत दे दिया है. पार्टी नेतृत्व को लगता है कि सिद्धू नई ऊर्जा और उत्साह के साथ पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर सकते हैं और अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं.