कोविड टीकाकरण को लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच बहुत गहरी खाई है. बिहार के अररिया और पूर्णिया ज़िलों में विभिन्न अफ़वाहों और भ्रामक जानकारियों चलते ग्रामीण टीका नहीं लगवाना चाहते हैं. टीका न लगवाने की अन्य वजहें जागरूकता की कमी, शैक्षणिक-सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन के साथ सरकारी अनदेखी भी है.
इस समूह में चल रहे एक श्रमिक ने बताया कि करीब 12 लोगों ने दो दिन पहले लुधियाना से पैदल ही यात्रा शुरू की थी क्योंकि वे रेलवे की विशेष ट्रेन के लिए पंजीकरण नहीं करा पाए थे.
मामला बिहार के नवादा ज़िले का है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में कुल 12 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मुख्य आरोपी सहित चार अन्य को गिरफ़्तार कर पूछताछ की जा रही है. वहीं, झारखंड के गिरिडीह में जादू-टोना करने के शक में दो महिलाओं सहित तीन लोगों को कथित तौर पर मानव मल खाने को मजबूर किया गया.
सुपौल जिले के सिमरिया गांव में हुआ हादसा, डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय से बंद शौचालय की टंकी में बनी जहरीली गैस के चलते हुई मज़दूरों की मौत.
मृतक की बेटी का कहना है कि उसके चाचा कुछ समय से बीमार थे. उनकी मौत हो जाने के बाद उनके बेटों ने डायन होने और जादू-टोने का आरोप लगाकर पेड़ से बांधकर उनकी पिटाई की जिससे उनकी मौत हो गई.