मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते दिनों मनाए गए एकजुटता दिवस कार्यक्रम में जनजाति समुदायों ने बताया कि किस तरह से केवल उनकी जातीय पहचान के कारण बिना किसी वॉरंट के उन्हें हिरासत में ले लिया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है, पैसे वसूले जाते हैं और महीनों-सालों तक बंदी बनाकर रखा जाता है.
अमेरिकी इतिहास से जुड़ा एक पन्ना बताता है कि मीडिया और बुद्धिजीवियों के एक वर्ग द्वारा समर्थित जातिवादी और सांप्रदायिक ज़हर लंबे समय से राजनीति का खाद-पानी है.