राजस्थान के सिरोही ज़िले का मामला है. पीड़िता ने पिछले साल नवंबर में आरोपी के ख़िलाफ़ बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था. अप्रैल में ज़मानत पर छूटने के बाद से आरोपी पीड़िता पर मुक़दमा वापस लेने का दबाव बना रहा था.
मामला राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले का है. इस संबंध में चित्तौड़गढ़ पुलिस ने सात-आठ लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने बताया कि आरोप था कि पीड़ित गायों की तस्करी कर रहे थे. हालांकि जानवर बैल थे. हमले में घायल दूसरे व्यक्ति ने बताया कि वे बैलों को खेती के काम के लिए मध्य प्रदेश स्थित अपने गांव ले जा रहे थे.
राजस्थान के अलवर ज़िले के खेरली पुलिस स्टेशन में अपने पति के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने गई एक 26 वर्षीय महिला के साथ एक सब-इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर तीन दिनों तक बलात्कार किया. आरोपी पुलिसकर्मी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले का मामला. पीड़ित की नानी का आरोप है कि उनकी नातिन के साथ बलात्कार करने वाले प्रदीप विश्नोई ने ही उसे ज़िंदा जलाया है. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी में नज़र आ रहे युवक की पहचान नहीं हो पाई है. विश्नोई की भूमिका की जांच की जा रही है.
राजस्थान के दौसा ज़िले का मामला. एक युवक के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही 18 वर्षीय युवती का उसके परिवारवालों ने बीते एक मार्च को अपहरण कर लिया था. तीन मार्च को पिता ने युवती की कथित तौर पर गला दबाकर हत्या करने के बाद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था.
पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्विटर पर धमकियां मिलने के बाद उदयपुर पुलिस से शिकायत की थी. पुलिस ने बताया कि छात्र ने स्वीकार किया कि रोहिणी की किसान रैली पर रिपोर्टिंग से नाराज़गी के कारण उसने सिंह को धमकी भरे मैसेज भेजे.
राजस्थान पुलिस के सर्कुलर में कहा गया है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अभियुक्त को सीआरपीसी की धारा 41 ए का लाभ दिया जाना अधिनियम की मूल भावना के विपरीत है और इसके उद्देश्य को विफल करता है. कई समूहों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है.
राजस्थान: पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य मृत मिले, आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज
मामला राजस्थान के जोधपुर ज़िले के देचु का है. हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले थे. ये दीर्घकालिक वीज़ा पर 2015 में यहां आए थे और तभी से यहां रह रहे थे.
राजस्थान के पाली ज़िले में पुलिस हिरासत में मज़दूर नेता की मौत का मामला. पत्रकार का कहना है कि उन्होंने मज़दूर नेता की मौत का मामला उठाया, इसलिए पुलिस उन्हें निशाना बना रही है.
पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि जब अपराध हुआ उस समय दोनों दोषी नाबालिग थे. अब वे 18-21 वर्ष आयु वर्ग के हैं इसलिए उन्हें किशोर सुधार गृह भेजने की सजा सुनाई गई है.
साल 2017 में पहलू खान की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में यह पहली दोषसिद्धी है. पिछले साल अगस्त में अलवर की निचली अदालत ने मामले के छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था.
ग्राउंड रिपोर्ट: 16 फरवरी को नागौर के दो युवकों को करनू गांव में चोरी के आरोप में बेरहमी से पीटा गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत सभी बड़े नेताओं ने आरोपियों को सज़ा और पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कही, लेकिन पीड़ित और उनका परिवार इसे लेकर आश्वस्त नज़र नहीं आते.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना को ‘भयावह और वीभत्स’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से कहा कि वह इस मामले में तत्काल कार्रवाई करे.
राजस्थान और कश्मीर की पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि यह घृणा अपराध या लिंचिंग का मामला नहीं है. हालांकि, पिछले कुछ महीनों में राजस्थान में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ हिंसा की यह तीसरी घटना है.
जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार विस्फोट में कुल 80 लोगों की मौत हुई थी तथा लगभग 170 घायल हुए थे. राजस्थान की एक विशेष अदालत ने मामले में चार आरोपियों मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी ठहराया जबकि एक आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया था.