सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय को वर्ष 2002 में प्रतिष्ठित मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि फ़िलिस्तीनी नागरिकों के ख़िलाफ़ मौजूदा हमले में इज़रायल का खुलेआम समर्थन करने में अमेरिका की भूमिका को देखते हुए उनके लिए पुरस्कार अपने पास रखना असहनीय हो गया है.
केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता केके शैलजा ने कहा कि उन्होंने इस पुरस्कार को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर इसे प्राप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडे का आरोप है कि अनुच्छेद 370 को हटाने और घाटी में जारी बंद के विरोध में धरना देने से पहले उन्हें रविवार को लखनऊ में उनके घर में नज़रबंद किया गया. यूपी पुलिस ने इससे इनकार किया है.
किसी एक पत्रकार को तब कितना अकेलापन लगता होगा जब उसके सारे हमपेशा ख़ुद को राष्ट्रनिर्माता या राष्ट्ररक्षक मान बैठे हों! रवीश कुमार इसी बढ़ते अकेलेपन के बीच उसी को अपनी शक्ति बनाकर काम करते रहे.
एशिया का नोबेल माना जाने वाला मैग्सेसे पुरस्कार रवीश कुमार को पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए दिया गया है. अवॉर्ड फाउंडेशन ने उनके कार्यक्रम को आम लोगों से जुड़ा बताते हुए कहा कि अगर आप बेआवाज़ों की आवाज़ बनते हैं, तब आप एक पत्रकार हैं.