सुप्रीम कोर्ट ने नफ़रत भरे भाषणों को बहुत ही गंभीर मुद्दा क़रार देते हुए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को निर्देश दिया कि वे संबंधित अपराधों पर की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट दाख़िल करें. पीठ मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने और उन्हें आतंकित करने के बढ़ते ख़तरे को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.
वीडियो: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो दशकों में सभी धार्मिक समुदायों में मुसलमानों की जनसंख्या में सबसे तेज़ गिरावट देखी गई है. समुदाय की प्रजनन दर 2019-2021 में गिरकर 2.3 हो गई, जो 2015-16 में 2.6 थी. इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के पूर्व प्रमुख एसवाई क़ुरैशी से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन के खुले स्थानों पर नमाज़ के लिए कुछ स्थानों को आरक्षित करने का पूर्व निर्णय वापस ले लिया गया है और राज्य सरकार अब इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेगी. गुड़गांव में पिछले कुछ महीनों में कुछ हिंदू संगठनों के सदस्य उन जगहों पर इकट्ठा हो जाते हैं, जहां मुस्लिम खुले स्थान पर नमाज़ अदा करते हैं और ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे
गुड़गांव मुस्लिम काउंसिल ने कहा कि दो दशकों से अधिक समय से खुले स्थानों पर जुमे की नमाज़ अदा की जा रही है, क्योंकि समुदाय के पास पर्याप्त संख्या में मस्जिद नहीं हैं. मई 2018 के बाद शहर में पहली बार नमाज़ बाधित होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद से मुसलमानों को प्रताड़ित करने के कई प्रयास हुए हैं.
गुड़गांव में सिख समुदाय के कुछ सदस्यों ने गुरुद्वारों में नमाज़ पढ़ने की अनुमति देने के धर्मस्थल प्रबंधन समिति के निर्णय का विरोध किया. गुड़गांव मुस्लिम काउंसिल के सदस्य अल्ताफ़ अहमद ने कहा कि गुरुपर्व के चलते इस बार किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए वहां न जाने का फ़ैसला किया गया था, अगले सप्ताह इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
गुड़गांव में पिछले कुछ महीनों से दक्षिणपंथी समूह खुले में नमाज़ का विरोध कर रहे हैं. गुरुद्वारा कमेटी साथ ही अक्षय यादव नाम के एक दुकान मालिक ने भी नमाज़ के लिए अपना ख़ाली परिसर देने की पेशकश की है.
गुड़गांव में पिछले कुछ महीनों से दक्षिणपंथी समूह खुले में नमाज़ का विरोध कर रहे हैं. प्रशासन ने बीते तीन नवंबर को 37 निर्धारित स्थलों में से आठ स्थानों पर नमाज़ अदा करने की अनुमति रद्द कर दी है. इस बीच संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने सेक्टर-12ए में उस स्थान पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया है, जहां पिछले कुछ दिनों से नमाज़ करने का विरोध किया जा रहा है.
तीन साल पहले हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा विरोध के बाद गुड़गांव ज़िला प्रशासन ने शहर में 37 स्थानों को चिह्नित किया था, जहां पर मुस्लिमों को जुमे की नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी गई थी. साल 2018 में गुड़गांव में भी खुले में नमाज़ अदा कर रहे मुस्लिमों पर लगातार हमले हुए थे.
हरियाणा के गुड़गांव सेक्टर 47 में 15 अक्टूबर को खुले में नमाज़ अदा करने वाले मुस्लिमों का कुछ लोगों ने विरोध किया था, जिसके बाद पुलिस को इलाके की घेराबंदी करनी पड़ी. यह लगातार चौथा हफ़्ता है, जब क्षेत्र में जुमे की नमाज़ को निशाना बनाया गया. साल 2018 में भी गुड़गांव में खुले में नमाज़ अदा कर रहे मुस्लिमों पर हमले हुए थे.
भारत में 1991 से 2001 के बीच और फिर 2001 से 2011 के बीच हिंदुओं की तुलना में मुस्लिम आबादी बढ़ी लेकिन इन दो दशकों में हिंदुओं की तुलना में मुस्लिमों की वृद्धि दर अधिक तेज़ी से घटी है.