भारत में प्रेस फ्रीडम की बुरी तस्वीर दिखाने वाले सर्वेक्षणों का करेंगे भंडाफोड़: जावड़ेकर

कांग्रेस ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर अपने संदेश में आरोप लगाया कि भाजपा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को नष्ट करने पर आमादा है. हम सभी पत्रकारों से कहना चाहेंगे कि डरो मत.

वैश्विक प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 142वें नंबर पर, दो पायदान फिसला

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में उत्पन्न हुई स्थिति की वजह से भारत की रैकिंग पर काफी प्रभाव पड़ा है. ये रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब हाल ही में कश्मीर के दो पत्रकारों पर यूएपीए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.

बीते पांच साल में भारत में पत्रकारों पर 200 से अधिक गंभीर हमले हुएः रिपोर्ट

'गेटिंग अवे विद मर्डर' नाम के अध्ययन के मुताबिक 2014 से 2019 के बीच भारत में 40 पत्रकारों की मौत हुई, जिनमें से 21 पत्रकारों की हत्या की वजह उनके काम से जुड़ी थी.

2019 में दुनियाभर में 49 पत्रकारों की हत्या हुई: रिपोर्ट

पेरिस स्थित निगरानी संगठन ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के प्रमुख क्रिस्टोफ डेलोयर ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों में अधिकतर पत्रकारों को उनके काम के लिए निशाना बनाया जा रहा है, जो कि लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है.

प्रेस की आज़ादी के मामले में भारत दो पायदान फिसला, चुनाव का समय पत्रकारों के लिए बेहद ख़तरनाक

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स की ओर से जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में से 140वें स्थान पर है. 2018 में अपने काम की वजह से भारत में कम से कम छह पत्रकारों की मौत हुई थी.

भारत में सत्ताधारी पार्टी से सहमत न होने वाले पत्रकारों की प्रताड़ना चिंताजनक: आरडब्ल्यूबी

प्रेस की दशा-दिशा पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की ओर कहा गया है कि पत्रकारों को प्रताड़ित किए जाने की घटनाओं के पीछे हिंदू राष्ट्रवादियों का हाथ है. इसमें हत्या भी हो सकती है, जैसा पत्रकार गौरी लंकेश के मामले में हुआ.

मीडिया को नियंत्रित करने के लिए दक्षिण-वाम सब साथ हैं

साल दर साल भारत में मीडिया पर नियंत्रण और सेंसरशिप ख़त्म होने के बजाय बढ़ रही है. इस मामले में सभी राजनीतिक दल एक जैसे हैं. वे आज़ाद मीडिया की जगह नियंत्रित मीडिया को प्यार करते हैं.

‘भारत में हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों के कारण मीडिया में सेल्फ सेंसरशिप की प्रवृत्ति बढ़ी’

अंतरराष्ट्रीय संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का कहना है कि 2015 से अब तक सरकार की आलोचना करने वाले नौ पत्रकारों की हत्या कर दी गई.

मोदी के राष्ट्रवाद से भारतीय पत्रकारिता ख़तरे में: रिपोर्ट

प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर अंतर्राष्ट्रीय संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की ओर से किए गए एक अध्ययन में 180 देशों की सूची में भारत 136वें स्थान पर है.