स्टैडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी का बीते दो महीने में 13वां शो है, जिसे आयोजकों और दर्शकों को दी गईं धमकियों के बाद रद्द किया गया है. भाजपा की हरियाणा इकाई के आईटी सेल के प्रभारी अरुण यादव ने ने कहा है कि किसी भी सूरत में इस ‘गद्दार’ का शो गुड़गांव में नहीं होने दिया जाएगा.
‘हिंदुत्ववादी’ संगठनों की अतीत की अलोकतांत्रिक करतूतों के चलते उनकी कार्रवाइयां अब किसी को नहीं चौंकातीं. लेकिन एक नया ट्रेंड यह है कि जब भी वे किसी कलाकार के पीछे पड़ते हैं, तब लोकतांत्रिक होने का दावा करने वाली सरकारें, किसी भी पार्टी या विचारधारा की हों, कलाकारों की अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्ष में नहीं खड़ी होतीं, न ही उन्हें संरक्षण देती हैं.
संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति प्रशासन को एक अल्टीमेटम जारी कर कहा कि अगले सप्ताह से वे शहर में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नमाज़ की अनुमति नहीं देंगे. बीते शुक्रवार को गुड़गांव के सेक्टर 37 में नमाज़ स्थल पर प्रदर्शनकारियों द्वारा नारेबाज़ी जारी रहने और शांति भंग होने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में ले लिया था और बाद में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
वीडियो: राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके में बने एक चर्च में बीते दिनों कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की. बताया जा रहा है कि ये लोग कथित तौर पर बजरंग दल से जुड़े हुए हैं. पिछले 11 महीनों में हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े लोगों द्वारा ईसाई समुदाय के खिलाफ 300 से अधिक हमले हुए हैं. द वायर ने इन हमलों और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों के बारे में ईसाई समुदाय और दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के सदस्यों से बातचीत की.
भाजपा और आरएसएस नहीं मानते कि मुसलमानों और ईसाईयों को अपने तरीके से रोज़ी कमाने और अपनी तरह से धर्म का पालन करने का हक़ है. लेकिन इस बुनियादी संवैधानिक अधिकार को न मानने और इसकी मनमानी व्याख्या की छूट पुलिस और प्रशासन को नहीं है. अगर वे ऐसा कर रहे हैं तो वे वर्दी या कुर्सी के योग्य नहीं हैं.
कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी ने बताया कि बीते दो महीने में यह उनका 12वां शो है जिसे आयोजकों और दर्शकों को दी गई धमकियों के बाद रद्द किया गया है. इससे पहले गोवा, छत्तीसगढ़ और मुंबई में उनके शो रद्द किए गए हैं. इस बार बेंगलुरु पुलिस ने शो के आयोजकों को पत्र लिखकर फ़ारूक़ी को 'विवादित' शख़्सियत बताया है.
देश में ईसाइयों पर अत्याचार की घटनाओं पर निगरानी रखने वाले मानवाधिकार संगठनों ने हिंदुत्व समूहों द्वारा ईसाइयों पर की गई हिंसा का दस्तावेज़ीकरण करते हुए एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है कि 21 राज्यों, विशेष रूप से उत्तर भारत में 2021 के शुरुआती नौ महीनों में इस तरह के तीन सौ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं.
घटना रुड़की की है, जहां रविवार को कथित तौर पर स्थानीय दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े लगभग 200 अज्ञात पुरुषों और महिलाओं ने एक चर्च में तोड़-फोड़ की. इसमें सुबह की प्रार्थना के लिए जुटे कई लोग घायल हो गए. हमलावरों पर महिलाओं से दुर्व्यवहार करने का भी आरोप है. मामले में किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
अंग्रेज़ी प्रभावशाली भाषा है, मगर इसकी पहुंच सीमित है. क्षेत्रीय भाषाओं के पत्रकार असली असर पैदा कर सकते हैं. छोटे शहरों के ऐसे कई साहसी पत्रकार हैं, जिन्होंने अपने साहस की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई है.
आम आदमी पार्टी से जुड़े आशीष खेतान का कहना है, यूपीए सरकार भले ही अयोग्य रही हो, वह इन समूहों की विचारधारा से इत्तेफ़ाक नहीं रखती थी, लेकिन वर्तमान सत्ता को इन्हीं समूहों से समर्थन मिलता है.