जब संविधान के 'बुनियादी ढांचे के सिद्धांत' पर विवाद छिड़ा हुआ है, तो ऐसे में ज़रूरी मालूम होता है कि इसकी मूल भावना और उसके उद्देश्य को आम लोगों तक ले जाया जाए क्योंकि जब तक 'गण' हमारे संविधान को नहीं समझेगा हमारा लोकतंत्र सिर्फ एक 'तंत्र' बनकर रह जाएगा.
तीन धार्मिक परमार्थ न्यासों और मुंबई के एक जैन शख़्स ने एक याचिका में मांसाहारी पदार्थों के विज्ञापनों को प्रतिबंधित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की मांग करते हुए दावा किया था कि उनके बच्चों और परिजनों को इस तरह के विज्ञापन देखने के लिए बाध्य किया जा रहा है. कोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया.
मोदी सरकार एक ऐसा राज्य स्थापित करने की कोशिश में है जहां जनता सरकार से जवाबदेही न मांगे. नागरिकों के कर्तव्य की सोच को इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल के दौरान संविधान में जोड़ा था. मोदी सरकार बिना आपातकाल की औपचारिक घोषणा के ही अधिकारहीन कर्तव्यपालक जनता गढ़ रही है.
कर्नाटक हाईकोर्ट एक छात्र की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिन्हें चेक बाउंस के मामले में पुलिस ने ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी होने पर हथकड़ी लगाकर गिरफ़्तार किया था. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दो लाख रुपये मुआवज़ा देने का आदेश देते हुए कहा कि निचली अदालत के समक्ष पेश किए जाने वाले किसी विचाराधीन क़ैदी को हथकड़ी लगाने के लिए पुलिस को कोर्ट की अनुमति लेनी होगी.
इप्टा ने आज़ादी के 75वें वर्ष के अवसर पर 'ढाई आखर प्रेम के' शीर्षक से हुई सांस्कृतिक यात्रा का आयोजन किया था. इसके समापन समारोह में लेखक, अभिनेता व निर्देशक सुधन्वा देशपांडे द्वारा 'नाटक में प्रतिरोध की धारा' विषय पर दिया गया संबोधन.
जम्मू कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को दिया निर्देश.
बीएसएफ की गोली से श्रीनगर में शनिवार को एक युवक सज्जाद हसन की मौत को लेकर घाटी में तनाव.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए कश्मीर के वीडियो में दिख रहे फ़ारूक़ अहमद डार ने बताया कि उन्हें बंदूक के बट से पीटा गया और सेना द्वारा 5 घंटे तक जीप पर बांधकर घुमाया गया.
द वायर से बातचीत में श्रीनगर में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा, ' वीडियो की विश्वसनीयता की जांच की जा रही है.'