यूपी उपचुनाव के नतीजों के समय याद रखना चाहिए कि मतदान के दिन कई जगह पुलिसकर्मी नापसंद मतदाताओं को मतदान से वंचित करने के लिए उनके पहचान पत्र चेक करते, राह रोकते, उन पर रिवॉल्वर तक तानते दिखे थे. सत्ता तंत्र इस तरह चुनाव कराने लगेगा तो लोकतंत्र का भविष्य क्या होगा.
लोकसभा चुनाव में हार को अति आत्मविश्वास का नतीजा बताने वाले योगी आदित्यनाथ उपचुनावों में भाजपा को वांछित जीत दिला देंगे तो माना जाएगा कि उनकी लोकप्रियता का लिटमस टेस्ट हो गया. वहीं, विपक्षी गठबंधन को साबित करना है कि आम चुनाव में उसकी बढ़त तुक्का नहीं थी.
2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने के लिए क्षेत्रीय दलों की ज़रूरत नहीं थी. लेकिन इस बार है. ऐसे में भाजपा नहीं चाहेगी कि गठबंधन के प्रमुख घटक दलों, ख़ासकर तेदेपा और जदयू में से कोई नाराज़ हो.
भाजपा को पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोक दल और पूर्वांचल में निषाद पार्टी, अपना दल (सोनेलाल) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का साथ मिला था. इनके कुल छह उम्मीदवारों में से तीन को हार का सामना करना पड़ा.
चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न का अलंकरण क़ाबिले-तारीफ़ है; लेकिन अगर उनके विचारों की लय पर सरकार अपने कदम उठाती तो बेहतर होता. सरकार से ज़्यादा यह दारोमदार रालोद के युवा नेता पर है कि वह अपने पुरखे और भारतीय सियासत के एक रोशनख़याल नेता के आदर्शों को लेकर कितना गंभीर है.
वीडियो: राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख जयंत चौधरी के विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल होने की पुष्टि किए जाने को लेकर इसकी पूर्व सहयोगी समाजवादी पार्टी के नेता सुधीर पंवार से द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजॉय आशीर्वाद की बातचीत.
अपने वक़्त में कर्पूरी ठाकुर और चौधरी चरण सिंह जैसे नेता सामाजिक समानता की जिस लड़ाई में मुब्तिला थे, उसमें उनके लिए निजी मान-अपमान या विभूषणों का कोई प्रश्न कहीं था ही नहीं. चरण सिंह जब उपप्रधानमंत्री थे, तब सरकार ने न सिर्फ भारत रत्न, बल्कि सारे पद्म पुरस्कारों को 'अवांछनीय' क़रार देकर बंद कर दिया था.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल के बीच सीट बंटवारे को लेकर समझौते की ख़बरों के बीच किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की ख़बर आई है. राष्ट्रीय लोकदल की स्थापना उनके बेटे चौधरी अजीत सिंह ने की थी. यह घोषणा तब की गई है जब वर्तमान में मोदी सरकार को किसान विरोध की एक और लहर का सामना करना पड़ रहा है.
वीडियो: लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र विपक्षी एकजुटता, कांग्रेस की रणनीति और तैयारी को लेकर कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
सहारनपुर में महिलाओं के अंडर-17 राज्य स्तरीय कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों को शौचालय के अंदर रखा खाना परोसे जाने संबंधी वीडियो सामने आए हैं, जिसके बाद ज़िला खेल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
आरोप के अनुसार, मुज़फ़्फ़रनगर के पुरकाज़ी सीट से राष्ट्रीय लोकदल विधायक अनिल कुमार ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज उल्टा फहरा दिया था. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल होने के बाद विधायक ने घटना पर दुख जताते हुए कहा था कि उनसे ग़लती हो गई.
विपक्ष ने योगी सरकार के उस कथित दिशानिर्देश पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें अपात्र कार्डधारकों को अपना कार्ड लौटाने अन्यथा खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने दिशानिर्देशों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अगर तथाकथित अपात्र लोग ख़ुद राशन कार्ड नहीं देते हैं तो इनसे कोरोना जैसी महामारी के दौरान दिए गए राशन की वसूली और कुर्की तक की जाएगी.
भाजपा को यूपी में बहुमत तो ज़रूर मिला है लेकिन इसकी सहयोगी पार्टियों के वोट प्रतिशत जोड़ लेने पर भी यह केवल 45 प्रतिशत के करीब ही वोट पा सकी है. यह ध्यान में रखते हुए कि किस तरह से चुनाव में सांप्रदायिकता पर ज़ोर दिया गया, ऐसा कहना ग़लत नहीं होगा कि बचे हुए 55 प्रतिशत वोट भाजपा विरोधी थे.