किसानों के मार्च से पहले दिल्ली में महीनेभर के लिए विरोध प्रदर्शनों पर बैन समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

दिल्ली में किसान संगठनों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ के आह्वान से पहले राष्ट्रीय राजधानी में महीने भर के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है. द टेलीग्राफ के अनुसार, इस दौरान सभा, जुलूस या रैलियों और लोगों को ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉलियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. दिल्ली के कमिश्नर द्वारा जारी आदेश में किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस और सड़कों और मार्गों को अवरुद्ध करने पर रोक लगा दी गई है. उनका यह आदेश 12 फरवरी से शुरू होकर 12 मार्च तक लागू रहेगा. मालूम हो कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम), किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और कई अन्य किसान यूनियनों और संघों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’ की घोषणा की है. किसानों के मार्च में पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विश्वास मत जीत लिया. नवभारत टाइम्स के अनुसार, इस दौरान नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा, ‘हमको 2005 से काम करने का मौका मिला. उससे पहले इनके (तेजस्वी के) पिताजी और माताजी को सरकार चलाने का मौका मिला. याद कीजिए कहीं कोई रोड था क्या? कोई शाम के बाद घर से निकल पाता था क्या? ये मुस्लिम की बात करते हैं, आए दिन हिंदू-मुस्लिम का विवाद होता था. हमने हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा बंद कराया.’ इससे पहले तेजस्वी ने भी नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘क्या मोदी जी गारंटी लेंगे कि नीतीश कुमार फिर से पलटेंगे कि नहीं पलटेंगे.’ विश्वास मत के दौरान 243 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कुल 129 वोट पड़े, वहीं राजद, कांग्रेस और लेफ्ट के सभी विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट किया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के उत्तर प्रदेश चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से नहीं गुजरेगी. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि कक्षा 10 और 12 की राज्य बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए यूपी में यात्रा की अवधि कम की जा रही है. यह निर्णय ऐसे समय में सामने आया है जहां समाजवादी पार्टी की सहयोगी और जयंत सिंह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के भाजपा से हाथ मिलाने की अटकलें लगाई जा रही है. रालोद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभाव रखती है. यात्रा पहले राजस्थान में प्रवेश करने से पहले 16 फरवरी से 26 फरवरी तक उत्तर प्रदेश में रहने वाली थी. हालांकि अब बताया गया है कि यह चरण 21 फरवरी को ख़त्म होगा और यात्रा पश्चिमी यूपी को छोड़कर मध्य प्रदेश का रुख करेगी. 16 फरवरी को यात्रा वाराणसी से राज्य में प्रवेश करेगी और फिर भदोही, इलाहाबाद और प्रतापगढ़ के रास्ते 19 फरवरी को अमेठी पहुंचेगी, जहां राहुल गांधी अमेठी लोकसभा क्षेत्र के गौरीगंज में सभा करेंगे.

क़तर में अगस्त 2022 में  गिरफ्तार और बाद में मौत की सज़ा पाने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को अठारह महीने की हिरासत के बाद रिहा कर दिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय कतर के अमीर शेख़ तमीम बिन हम्द अल-थानी से मिली माफी के बाद लिया गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने रिहाई का स्वागत करते हुए विदेश मंत्रालय ने सोमवार सुबह जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है. उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं.’ एक निजी फर्म के साथ काम कर रहे इन पूर्व नौसैनिकों को अगस्त 2022 में हिरासत में लिया गया था. इसके बाद 26 अक्टूबर 2023 को क़तर की एक अदालत ने इन पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी.

सुप्रीम कोर्ट 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को दी गई अंतरिम जमानत बढ़ा दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने शीर्ष अदालत रजिस्ट्री को मामले की प्रगति पर ट्रायल कोर्ट से रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश दिया और मामले को स्थगित कर दिया. पिछले साल 26 सितंबर को शीर्ष अदालत ने मिश्रा की जमानत शर्तों में ढील दी थी ताकि वे उनकी बीमार मां की देखभाल और अपनी बेटी के इलाज के लिए एनसीआर में रह सकें. आशीष मिश्रा पर उन चार किसानों की हत्या का आरोप है, जो 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे. आरोप है कि आशीष मिश्रा से संबंधित और कथित तौर पर उनके द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन ने प्रदर्शनकारी किसानों सहित अन्य को कुचल दिया था.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश में होने वाली बुलडोज़र कार्रवाइयों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘किसी का भी घर गिरा देना फैशन हो गया है.’ रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला राधा लांगरी ने उज्जैन नगर निगम द्वारा उचित प्रक्रिया के बिना तोड़े गए अपने घरों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक रुसिया ने महिला को एक लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश देते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन और स्थानीय निकायों के लिए अब यह फैशन बन गया है कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को ताक पर रखकर कार्रवाई कर किसी के घर को भी गिरवा दें. अदालत ने यह भी कहा कि अगर निर्माण कथित तौर पर अवैध है तब भी सुधार का उचित मौका दिए जाने के बाद कार्रवाई की जानी चाहिए. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सिविल कोर्ट के माध्यम से अपने नुकसान के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग करने का विकल्प भी दिया है.