वीडियो: भारत की राजधानी नई दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बीते 16 अप्रैल को निकले हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी. हिंसा के बाद द वायर के याकूत अली ने इस इलाके का दौरा कर प्रभावित लोगों से बातचीत की.
भाजपा के दिल्ली प्रभारी और उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने कहा है कि नई दिल्ली में रह रहे ‘अवैध प्रवासियों’ को उनके हाव-भाव से पहचाना जा सकता है और वे ‘डॉन की तरह कपड़े’ पहनते हैं. उन्होंने कहा कि हमने स्वीडन, हॉलैंड और बेल्जियम आदि में देखा है, जहां प्रवासी समुदायों ने ‘नो गो ज़ोन’ बना रखे हैं, जहां लोग यहां तक कि पुलिस भी जाने से डरती है. ऐसा लगता है कि अवैध प्रवासियों ने दिल्ली में भी ऐसा ही
वीडियो: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के बाद भाजपा शासित नगर निगम द्वारा बीते 20 अप्रैल अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यह अभियान कई घंटों तक चलता रहा, जिस पर अदालत ने संज्ञान भी लिया है. बुलडोज़र और विध्वंस की राजनीति पर अधिवक्ता शमशाद और द वायर की रिपोर्टर सुमेधा पाल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: देश के विभिन्न राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती पर हिंसा के बाद सांप्रदायिक घटनाओं का सिलसिला देखने को मिल रहा है. इन घटनाओं पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
वीडियो: दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत कथित अवैध निर्माणों को तोड़ दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह तोड़फोड़ की कार्रवाई का संज्ञान लेगा, जो निगम को हमारे के आदेश से अवगत कराए जाने के बाद भी जारी रही थी.
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को ‘यूएस होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूजियम’ में अपने संबोधन में कहा कि अधिकारियों ने म्यांमार की सेना द्वारा जातीय अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ व्यापक और चरणबद्ध अभियान के तहत आम नागरिकों पर बड़े पैमाने पर अत्याचार के पुष्ट आंकड़ों के आधार पर इसे ‘नरसंहार’ बताया है.
वीडियो: बीते 16-17 दिसंबर की रात हरियाणा के मेवात के नूंह में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में भीषण आग लग गई थी, जिसके कारण 100 से अधिक लोग, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, बेघर हो गए. द वायर की टीम ने ठंड के मौसम में बेघर हुए इन शरणार्थियों का हाल जाना.
हरियाणा के मेवात ज़िले के नूंह स्थित एक रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में बीते 16-17 दिसंबर की रात लगी भीषण आग में उनके भारत में रहने से जुड़े दस्तावेज़, राशन और कपड़ों सहित ज़रूरी सामान जलकर ख़ाक हो चुके हैं. ‘शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त’ ने इन्हें फ़िर से पहचान-पत्र वितरित करने के लिए एक डेस्क की स्थापना की है.
एक दूसरे के संबंधी इन दो रोहिंग्या परिवारों के 10 व्यक्तियों को 2014 में बिना वैध दस्तावेजों के देश में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था और तब से वे असम की तेजपुर केंद्रीय जेल में बंद हैं.
सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था.
साल 2019 में 14 वर्षीय लड़की कछार ज़िले के सिलचर के रंगपुर इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों में एक घर के अंदर बेहोशी की हालत में मिली थी. बाद में पता चला था कि उसके माता-पिता बांग्लादेश में कॉक्स बाज़ार के शरणार्थी शिविर में हैं.
बीते छह मार्च को जम्मू शहर में सत्यापन अभियान के दौरान क़रीब 168 रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से रहते हुए पाए जाने पर उन्हें कठुआ जिले के एक विशेष केंद्र में भेज दिया गया था. आंकड़ों के अनुसार, जम्मू और सांबा ज़िलों में रोहिंग्या मुसलमानों एवं बांग्लादेशियों समेत 13,700 से अधिक विदेशी बसे हुए हैं और उनकी जनसंख्या में 2008 से 2015 के बीच छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई.
सरकारी आकंड़ों के मुताबिक, रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा ज़िलों में रह रहे हैं, जहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई. कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों का आरोप है कि देश में उनकी उपस्थिति क्षेत्र की शांति के लिए ख़तरा है.
म्यांमार के संघीय चुनाव आयोग के अनुसार, आंग सान सू की की पार्टी ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ ने संसद के दोनों सदनों में 346 सीटें जीतकर दूसरी बार सत्ता पा ली है. सेना द्वारा समर्थित मुख्य विपक्षी दल यूएसडीपी ने चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है, लेकिन चुनाव आयोग ने उसके आरोप और मतदान फिर से कराने की मांग को ख़ारिज कर दिया है.
एक मानवाधिकार समूह ने कहा है कि म्यांमार की सेना छोड़कर भागने वाले दो सैनिकों ने वीडियो पर गवाही दी है कि उन्हें अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया था, ‘जहां रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं वहां जिन्हें भी देखो और सुनो गोली मार दो.’