बीते वर्ष महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख जेल से बाहर नहीं निकल सकेंगे, क्योंकि सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती देने के लिए समय मांगे जाने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश को 10 दिन तक स्थगित रखा है. उन पर मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था.
बीते वर्ष महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. मामले में सीबीआई द्वारा जांच शुरू किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी देशमुख के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था.
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने पिछले साल भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जिसकी जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश केयू चांदीवाल के एक सदस्यीय आयोग को सौंपी गई थी. आयोग ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल को दी. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिंह ने अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए जांच के दौरान कोई सबूत पेश नहीं किया.
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के निलंबन आदेश में कहा गया है कि सरकार ने उनके ख़िलाफ़ कुछ अनियमितताओं और चूक को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है, जिसमें ड्यूटी से अनधिकृत अनुपस्थिति भी शामिल है. परमबीर सिंह पिछले छह महीने में महाराष्ट्र होमगार्ड प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद पेश नहीं हुए हैं.
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को उनके ख़िलाफ़ महाराष्ट्र में दर्ज आपराधिक मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ़्तारी से संरक्षण दिया है. सिंह ने महाराष्ट्र ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. सिंह का दावा है कि उन्हें आपराधिक मामलों में फंसाया गया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट परमबीर सिंह की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पुलिस निरीक्षक भीमराव घाडगे की एक शिकायत पर उनके ख़िलाफ़ एससी-एसटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया है. राज्य सरकार ने सुनवाई में कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए अब वह अपने आश्वासन पर क़ायम नहीं रहना चाहती कि सिंह के ख़िलाफ़ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.
दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर कथित तौर पर विस्फोटक मिलने के मामले की जांच कर रही एनआईए ने बयान दर्ज करने के लिए अगस्त में परमबीर सिंह को तलब किया था. उन्हें तब से कई बार समन दिए गए पर वो पेश नहीं हुए. अपुष्ट ख़बरें हैं कि गिरफ़्तारी से डर से सिंह देश छोड़कर भाग गए हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को कथित तौर पर क्लीनचिट देने की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट बीते दिनों लीक हो गई थी. जांच अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित कथित प्राथमिक जांच रिपोर्ट के लीक हुए दस्तावेज़ों के अनुसार, देशमुख के ख़िलाफ़ कोई संज्ञेय अपराध नहीं पाया गया.
शिवसेना ने कहा कि पार्टी इस मामले को क़ानूनी रूप से सुलझाएगी और संकेत दिया कि यह समन रत्नागिरी में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे की गिरफ़्तारी से संबंधित है. महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री एवं शिवसेना नेता अनिल परब इसी ज़िले के अभिभावक मंत्री हैं. उद्धव ठाकरे के क़रीबी माने जाने वाले परब पिछले हफ़्ते कैमरे पर राणे की गिरफ़्तारी का आदेश देते हुए क़ैद हो गए थे.
मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे से मुंबई के बार और होटलों से प्रति माह 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था.
परमबीर सिंह की उनके ख़िलाफ़ चल रही जांच महाराष्ट्र से बाहर किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने के अनुरोध वाली याचिका सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ‘आश्चर्य की बात है’ कि राज्य में 30 साल से ज्यादा सेवा देने के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह अब कह रहे हैं कि उन्हें राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है.
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे समेत अन्य अधिकारियों को मुंबई के बार एवं रेस्तरां से प्रति माह 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई को देशमुख ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर जांच शुरू करने के लिए पर्याप्त सामग्री
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास वाहन मिलने व व्यवसायी मनसुख हिरेन की मौत मामलों में गिरफ़्तार निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे ने दावा किया कि अनिल देशमुख ने मुंबई पुलिस में उनकी सेवाएं जारी रखने के लिए उनसे दो करोड़ रुपये मांगे थे. वझे ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य मंत्री अनिल परब ने उनसे मुंबई के कुछ ठेकेदारों से पैसे एकत्र करने को कहा था.
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ सीबीआई जांच की मांग की थी. सोमवार को अदालत ने सीबीआई को पंद्रह दिनों के अंदर एक आरंभिक जांच पूरी करने का निर्देश दिया है. परमबीर का आरोप है कि गृहमंत्री देशमुख ने पुलिस से हर महीने बार और होटलों से 100 करोड़ की वसूली करने को कहा था.
मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे से मुंबई के बार और होटलों से प्रति माह 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था. मामले में केस दर्ज न कराने पर हाईकोर्ट ने सिंह से कहा कि आप वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं. ग़लत काम के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराना आपकी ज़िम्मेदारी थी.