हिंदी पट्टी में भाजपा ने 51 सीटें गंवा दी हैं, जिनमें से 22 सीटें सवर्ण सांसदों के पास और केवल सात सीटें ओबीसी सांसदों के पास थीं.
1992 एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी अशोक कुमार परमार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को भेजी शिकायत में आरोप लगाया है कि जल जीवन मिशन के अमल में 'गड़बड़ियां' उजागर करने के चलते उन्हें परेशान किया गया और बार-बार तबादला किया गया.
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम ज़िले में बीते 14 अक्टूबर को परीक्षा में नकल करने का संदेह होने पर एक महिला शिक्षक द्वारा कथित रूप से कपड़े उतारने के लिए मजबूर किए जाने के बाद छात्रा ने आत्मदाह का प्रयास किया था. आरोपी शिक्षक को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की श्रेणी में शामिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2016 और 2019 में जारी अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें रद्द कर दिया. याचिका डॉ. बीआर आंबेडकर ग्रंथालय एवं जन कल्याण, गोरखपुर और अन्य ने दायर की थी.
हैदराबाद के परेड ग्राउंड में बीते 3 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के दौरान अनुसूचित जाति के लोगों के एक संगठन 'मदिगा आरक्षण पोराटा समिति' के सदस्य अपने हाथों में तख्तियां थामे प्रदर्शन कर रहे थे. ये लोग प्रधानमंत्री को उनके अनुसूचित जातियों का वर्गीकरण करने संबंधी वादे की याद दिला रहे थे, तब भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया था.
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार मंत्रिमंडल विस्तार में पिछड़ी मानी जाने वाली जातियों के नेताओं को जगह देकर उनकी शुभचिंतक होने का डंका पीट रही है. हालांकि जानकारों का सवाल है कि यदि ऐसा ही है तो प्रदेश के यादवों, जाटवों और राजभरों पर उसकी यह कृपा क्यों नहीं बरसी?
वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 15 (4) राज्य को यह अधिकार देता है कि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष कानून बना पाए. संविधान में पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए क्या कानून है, इसकी जानकारी दे रही हैं अधिवक्ता अवनि बंसल.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति की सिंगल मदर्स के ऐसे बच्चे, जिनके पिता सवर्ण जाति से हैं, को तब तक जाति प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा, जब तक यह सिद्ध न हो जाए कि विशिष्ट समुदाय के कारण उन्हें अभाव, अपमान और बाधाओं का सामना करना पड़ा है.
लोकसभा में पेश रिपोर्ट में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण संबंधी संसदीय समिति ने बताया कि 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीएसएनएल में एससी/एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति रोकी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए यह फ़ैसला दिया है. मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इसमें बदलाव करते हुए कहा था कि इस एक्ट में मामला दर्ज होने पर फौरन गिरफ़्तारी नहीं होगी और प्रारंभिक जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
बीते जून महीने में योगी सरकार ने 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने की अधिसूचना जारी की थी, जिसका विरोध केंद्र सरकार ने भी किया था.
जन गण मन की बात की 299वीं कड़ी में विनोद दुआ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मीडिया को 'दलित' शब्द के इस्तेमाल से बचने के आग्रह और विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा सोशल मीडिया पर की जा रही मॉनिटरिंग पर चर्चा कर रहे हैं.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मौजूदा क़ानून के हिसाब से यह व्यवस्था इस मामले में संवैधानिक पीठ का अंतिम फैसला आने तक लागू रह सकती है.