चांद की सतह पर टकराने से झुका लैंडर विक्रम, लेकिन पूरी तरह सलामत: इसरो

इसरो ने कहा कि ‘चंद्रयान-2’ का लैंडर ‘विक्रम’ चांद की सतह पर साबुत अवस्था में है और यह टूटा नहीं है. हालांकि, ‘हार्ड लैंडिंग’ की वजह से यह झुक गया है तथा इससे पुन: संपर्क स्थापित करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है.

विक्रम लैंडर का पता चला, संपर्क करने का प्रयास जारी है: इसरो अध्यक्ष के. सिवन

चंद्रमा की सतह पर उतरते समय विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया था. संपर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था.

चंद्रयान-2: चंद्रमा की सतह पर उतरते समय विक्रम लैंडर से संपर्क टूटा

स्वदेशी तकनीक से निर्मित चंद्रयान-2 को ‘विक्रम’ लैंडर और ‘प्रज्ञान’ रोवर के साथ बीते 22 जुलाई को रवाना किया गया था. ‘विक्रम’ लैंडर का नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए. साराभाई के नाम पर रखा गया है.

आज़ादी से 2014 तक जितने अंतरिक्ष अभियान हुए, लगभग उतने ही बीते चार वर्षों में शुरू हुए: मोदी

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे चक्रवात हो, या फिर रेल और सड़क सुरक्षा, देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग जानमाल की रक्षा में बख़ूबी कर रहा है.

क्यों भारतीय विज्ञान कांग्रेस को भारतीय पुराण कांग्रेस में तब्दील कर दिया गया है?

इससे पहले कि ये छद्म आयोजन इतने बड़े हो जाएं कि देश के तौर पर हमारी भविष्य यात्राओं के मुंह भूत की ओर घुमा दिए जाएं और हमें वहां ले जाकर खड़ा कर दिया जाए, जब हमारे पुरखों ने लज्जा ढकने के लिए आगे-पीछे पत्ते लपेटना भी नहीं सीखा था, हमें होश संभालकर सचेत हो जाने की ज़रूरत है.

साइंस कांग्रेस में आंध्र यूनिवर्सिटी के वीसी: कौरव थे टेस्ट ट्यूब बेबी, रावण के थे हवाई अड्डे

जालंधर में आयोजित भारतीय विज्ञान कांग्रेस में आंध्र यूनिवर्सिटी के कुलपति जी. नागेश्वर राव ने कहा कि विज्ञान और तकनीक भारत के लिए कोई नई बात नहीं हैं, यह बहुत पहले से देश में मौजूद थीं. भगवान राम ने ऐसे अस्त्रों का इस्तेमाल किया था जो लक्ष्य का पीछा कर उसे भेदने के बाद वापस आ जाते थे, जैसा गाइडेड मिसाइल में होता है.

क्या आप ग्रेगर मेंडल और उनके मटर के पौधों की कहानी जानते हैं?

विशेष: मेंडल ने हमें बताया है कि एक नवजात में कोई भी विशेषता इससे निर्धारित होती है कि उसे अपने मां-बाप से कौन से गुण मिले हैं. हालांकि उनकी इस महत्वपूर्ण खोज का अर्थ लोग 35 साल बाद समझ सके.

क्या आप उस इकलौते चिकित्सक की कहानी जानते हैं जिसे मृत्यु के बाद नोबेल पुरस्कार दिया गया?

विशेष रिपोर्ट: नोबेल पुरस्कार के 100 से भी अधिक साल के इतिहास में केवल एक बार हुआ है जब एक व्यक्ति को मरने के बाद पुरस्कार मिला है. यह सम्मान 2011 के चिकित्सा क्षेत्र के पुरस्कार के लिए राल्फ स्टीनमैन को हासिल है.

150 साल पहले आज ही भारत बना था हीलियम की ऐतिहासिक खोज का गवाह

हीलियम से भरे गुब्बारे आज भले ही आम हो गए हैं, लेकिन डेढ़ सौ साल पहले इस गैस की मौजूदगी से जुड़े संकेत किसी रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला के बजाय सूर्य ग्रहण के दौरान सूरज की बाहरी परत को देखने के दौरान मिले थे.

जनता अपनी आस्था और बुद्धि क्यों आसाराम जैसों के पास गिरवी रख देती है?

उमा भारती ने मध्य प्रदेश में अपने मुख्यमंत्रीकाल में विधानसभा के अंदर आसाराम के प्रवचन कराए थे तो पूरे मंत्रिमंडल के साथ सत्ता पक्ष के सारे विधायकों के लिए उसे सुनना अनिवार्य कर दिया था.

बोतलबंद पानी से ख़ास लाभ नहीं, हमारे मरने के डर ने बढ़ाई इसकी बिक्री: अध्ययन

अध्ययन के अनुसार, जब हमें नल का अच्छी गुणवत्ता का पानी उपलब्ध है तब भी हम बोतलबंद पानी की तरफ़ आकर्षित होते हैं तो सिर्फ़ इसलिए कि विज्ञापन के ज़रिये यह स्थापित कर दिया गया है कि बोतलबंद पानी ही शुद्ध है.

नेताओं को वैज्ञानिकों की बात सुननी चाहिए: नोबेल पुरस्कार विजेता

तीन दिवसीय ‘नोबेल प्राइज सीरीज’ में हिस्सा लेने गोवा आए नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड जे. रॉबर्ट्स ने कहा कि जीवन में मेरा लक्ष्य नेताओं को यह समझाना है कि विज्ञान महत्वपूर्ण है.

संसाधनों का अभाव मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम में बाधक: इसरो के पूर्व प्रमुख

इसरो के अध्यक्ष पद से इस महीने रिटायर हुए एएस किरण कुमार ने कहा कि प्रस्ताव पर एक दशक पहले विचार किया गया था, लेकिन इस पर बहुत प्र​गति नहीं हो सकी.