इस मंज़ूरी के साथ कर्नाटक में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़कर 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों के लिए मौजूदा तीन प्रतिशत से बढ़कर सात प्रतिशत हो जाएगा. इस क़दम को राज्य की भाजपा सरकार द्वारा अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले इन समुदायों को लुभाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके 2004 के फैसले पर फ़िर से विचार किए जाने की ज़रूरत है, जिसमें कहा गया था कि शैक्षणिक संस्थानों में नौकरियों और प्रवेश में आरक्षण देने के लिए राज्यों के पास अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों का उप-वर्गीकरण करने की शक्ति नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति भी सामाजिक रूप से पिछड़े हैं और उन्हें भी एससी/एसटी की तरह ही लाभ दिया जाए.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यूपीएससी द्वारा एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा परीक्षा के ज़रिये एससी और एसटी समुदाय के लोगों की भर्ती की जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण पर अपने 2006 के फ़ैसले को संविधान पीठ को भेजने से इनकार कर दिया है.
महाराष्ट्र में फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को हटाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सरकार असमंजस की स्थिति में है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, अधिक रोज़गार सृजन की ज़रूरत है लेकिन निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं होना चाहिए.
उत्तर प्रदेश में निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में आरक्षण ख़त्म करने की झूठी ख़बर को मीडिया ने योगी के भ्रष्टाचार विरोधी कड़े कदम के रूप में प्रचारित किया.