सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने संसद में बताया कि 2019 में छात्रों की आत्महत्या से मौत की 10,335 घटनाएं दर्ज की गईं, 2020 व 2021 में यह आंकड़ा क्रमशः 12,526 और 13,089 दर्ज किया गया. एससी और एसटी छात्रों द्वारा आत्महत्या की संख्या पर मंत्रालय ने कहा कि इसका डेटा उपलब्ध नहीं है.
आईआईटी दिल्ली के कपड़ा और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग में बीटेक कर रहे 23 वर्षीय छात्र ने शाहदरा स्थित अपने घर पर कथित तौर पर फांसी लगा ली. पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि वह पिछले कुछ महीनों से तनाव और अवसाद से पीड़ित थे और उसका इलाज भी चल रहा था.
आईआईटी दिल्ली में बीते कुछ समय में दो दलित छात्रों की आत्महत्या से मौत के बाद संस्थान के छात्र प्रकाशन बोर्ड ने परिसर के अंदर जातिगत भेदभाव पर एक सर्वे शुरू किया था, जिसे कुछ घंटों के भीतर ही इसलिए वापस ले लिया गया क्योंकि छात्रों का कहना था कि इसमें पूछे गए सवाल पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं.
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में देश के शीर्ष सात आईआईटी से ग्रेजुएशन के दौरान ही पढ़ाई छोड़ने वाले आरक्षित श्रेणी के लगभग 63 फ़ीसदी छात्रों में लगभग 40 फ़ीसदी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं. वहीं, कुछ संस्थानों में ऐसे छात्रों का प्रतिशत 72 तक है.
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइट पर एक पेज बनाएं जहां इससे जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई जा सकें और ऐसी किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो.