इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी समूह के शेयर्स में मुख्य हिस्सा रखने वाले चार फंड्स में से एक- मॉरीशस की एलारा इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड समूह की एक रक्षा कंपनी की सह-मालिक है, जिसका केंद्र सरकार के साथ 590 करोड़ रुपये का एक अनुबंध भी है.
बीते सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा में यह जानकारी दी है. एक अन्य सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों के संबंध में चल रही जांच को सेबी दो महीने के भीतर पूरा करेगा.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट द्वारा अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज की अध्यक्षता में पांच-सदस्यीय समिति बनाई गई है. हालांकि, वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का सवाल है कि क्या अडानी समूह के ये कथित घोटाले बिना सरकारी संरक्षण के संभव होते? उनका नज़रिया.
वीडियो: बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से जुड़े मसलों की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में समिति बनाई है. यह इस बात का पता लगाएगी कि क्या भारत का नियामिकीय ढांचा ठीकठाक है या नहीं.
वीडियो: अडानी ग्रुप में मौजूद ख़ामियां अडानी समूह के शेयरों को कितना तोड़ेंगी? जानकारों का अडानी ग्रुप के कारोबार को लेकर क्या कहना है? बता रहे हैं अजय कुमार.
सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह के संबंध में अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़े मसलों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में समिति बनाई है. इसमें बैंकर केवी कामथ और ओपी भट, इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी, सेवानिवृत्त जज जेपी देवधर और अधिवक्ता सोमशेखर सुंदरसन शामिल होंगे.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के ख़िलाफ़ जो अपमानजनक बातें कही हैं, उन्हें वह भले ही दोहराते रह सकते हैं, लेकिन अडानी महाघोटाले में अपनी भूमिका पर हमारे सवालों से वह बच नहीं सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में सेबी और केंद्रीय गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग, इसके शोधकर्ता नाथन एंडरसन और अन्य के ख़िलाफ़ जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की थी. साथ ही, कहा गया था कि सूचीबद्ध कंपनियों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स को रोकने के लिए एक गैग ऑर्डर लाया जाए.
कांग्रेस ने 'हम अडानी के हैं कौन' श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखे गए तीन सवालों में पूछा है कि विनोद अडानी उन वित्तीय प्रवाहों के केंद्र में हैं जो अडानी की परिसंपत्तियों के एक समूह से दूसरे समूह को ऋण देने के लिए उपयोग किए जाते हैं, क्या यह समग्र घटनाक्रम सेबी और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच के योग्य नहीं है?
बीबीसी-हिंडनबर्ग मामले को भारतीय मीडिया इस तरह पेश कर रहा है कि यह भारत के ट्विन टावरों पर किसी हमले से कम नहीं है. ये ट्विन टावर हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी. इन दोनों के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप हल्के नहीं हैं.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद कटघरे में आए अडानी समूह से संबंधित मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग करते हुए कांग्रेस ने पूछा कि टैक्स हेवन देशों से संचालित ऑफशोर शेल कंपनियों के ज़रिये भारत भेजे जा रहे काले धन का असली मालिक कौन है? क्या यह चीन और पाकिस्तान से आया पैसा है?
अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट और उसके परिणामों को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि अदालत अपनी ख़ुद की एक समिति नियुक्त करेगी. इस दौरान केंद्र द्वारा सीलबंद लिफाफे में सुझाए गए समिति के सदस्यों के नामों को अपारदर्शी बताकर शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
अडानी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के संबंध में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा कि आरबीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वित्तीय स्थिरता के जोख़िमों की जांच की जाए और उन्हें नियंत्रित किया जाए. सेबी प्रमुख को लिखे पत्र में उन्होंने एक ऐसी जांच की मांग की जो ‘बिना किसी पक्षपात’ के हो.
विशेष रिपोर्ट: सिंगापुर की एक कंपनी गुदामी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, जो अडानी समूह का हिस्सा रही है, के ख़िलाफ़ अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में ईडी द्वारा 2014 और 2017 में चार्जशीट दायर की गई थी. इस पर घोटाले के प्रमुख आरोपी गौतम खेतान के साथ कंसल्टेंसी सर्विसेज़ के नाम पर जाली इनवॉइस बनाकर कारोबार करने का आरोप लगाया गया था.
अडानी समूह के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट जारी करने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी ख़बरें चलने लगी थीं कि हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ अमेरिका में तीन मामलों की जांच चल रही है, इसके बैंक एकाउंट जब्त कर दिए गए हैं और इसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों पर रिपोर्ट जारी करने से रोक दिया गया है.