उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सभी जिला मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारियों को संबोधित एक पत्र में कहा गया है कि साधु टीएल वासवानी की जयंती को ‘अहिंसा’ दिवस के रूप में मनाया जाता है. राज्य के सभी बूचड़खानों और मांस की दुकानों को इस दिन बंद रखने का आदेश दिया गया है.
गुड़गांव नगर निगम ने जैन समाज के ‘पर्यूषण पर्व’ के चलते मांस की दुकानें और बूचड़खाने बंद रखने का फैसला किया है. हालांकि अधिकारियों ने बताया कि सुपरमार्केट में ‘पैकेज़्ड फ्रोज़न’ मीट की बिक्री पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा.
लखनऊ की महापौर ने दो अप्रैल को नगर निगम को शहर के घनी आबादी वाले उन इलाकों को चिह्नित करने को कहा, जहां मीट और मछली की दुकानें हैं और इन दुकानों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया. इसके चलते छोटे दुकानदारों को उनकी आजीविका जाने का डर है.
हरिद्वार ज़िले में बूचड़खानों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग को लेकर उत्तराखंड के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की अगुवाई में हरिद्वार के क्षेत्रीय विधायकों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक मार्च को एक पत्र सौंपा था. उन्होंने कहा कि हरिद्वार देश की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक राजधानी है. यहां बूचड़खानों का कोई औचित्य नहीं है.
पूरे उत्तर प्रदेश में तथाकथित ‘अवैध बूचड़खाने’ वास्तव में सार्वजनिक म्युनिसिपल बूचड़चाने हैं, जो भीषण उपेक्षा के कारण बदहाली का शिकार हैं.
गोवध और गायों के परिवहन पर पाबंदी को गोरक्षक दलों द्वारा हिंसक ढंग से लागू करने का ख़ामियाज़ा किसानों को उठाना पड़ रहा है. किसान अनुपयोगी मवेशी बेचकर कुछ पैसे कमा लेने के विकल्प से भी वंचित हो गए हैं.