भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं के वकील निहालसिंह राठौड़ ने बताया कि पेगासस सॉफ्टवेयर पर काम करने वाली सिटिजन लैब के शोधकर्ता ने उनसे संपर्क कर डिजिटल ख़तरे को लेकर चेताया था. मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया और डीपी चौहान ने भी दावा किया है कि उनकी भी जासूसी की गई थी.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार को जासूसी करते हुए पकड़ा गया है. कांग्रेस ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से खुद संज्ञान लेने और केंद्र सरकार की जवाबदेही तय करने का अनुरोध किया.
फेसबुक के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने कहा है कि भारत में आम चुनाव के दौरान पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर निगरानी के लिए इजरायल के स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग किया गया.
वॉट्सऐप द्वारा भारत में कम से कम दो दर्जन शिक्षाविदों, वकीलों, दलित कार्यकर्ताओं और पत्रकारों से संपर्क कर उन्हें सचेत किया गया कि मई 2019 तक दो सप्ताह की अवधि के लिए उनके फोन एक अत्याधुनिक इजरायली सॉफ्टवेयर की निगरानी में थे.
1887 में ब्रिटिश राज द्वारा बनाए गए इंटेलीजेंस ब्यूरो को भारतीय क़ानून के तहत कोई अधिकार प्राप्त नहीं है. इसे आधिकारिक रूप से 'एक नागरिक संगठन बताया जाता है, जिसके पास पुलिस जैसी शक्तियां नहीं हैं.'
मीडिया बोल की 79वीं कड़ी में उर्मिलेश मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम की गिरफ़्तारी, सरकार द्वारा लोगों के कम्प्यूटरों की निगरानी और अंबानी घराने में हुई शादी पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़िया, वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती और वरिष्ठ पत्रकार शीतल प्रशाद सिंह से चर्चा कर रहे हैं.