बीते 20 अप्रैल को संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत पवन वर्मा ने भारतीय प्रवासियों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश डालने वाले व्यवहार के खिलाफ चेताया था.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा की रक्षा के लिए इंटरनेट की गति कम करने का बहुत उचित प्रतिबंध लगाया गया है.
इंटरनेट पर ट्रोल्स की तादाद इतनी हो चुकी है कि लगता नहीं कि वे जल्दी यहां से जाने वाले हैं. लेकिन अगर उनकी चरित्रगत ग्रंथियां, उनके तरीके और तकनीकें समझ लें, तो अपनी मानसिक शांति और संतुलन खोए बिना उनके उत्पात और हमलों का सामना कर पाएंगे.
यूएपीए के तहत आरोपी बनाए गए कश्मीरी पत्रकार और लेखक गौहर गिलानी की गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण एवं प्राथमिकी रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर 20 मई से पहले जवाब दाखिल करने का आदेश दिया.
वीडियो: भारत में कोरोनावायरस संक्रमण को सांप्रदायिक रंग दिए जाने के बाद खाड़ी के देशों में काम करने वाले भारतीयों द्वारा सोशल मीडिया पर इसी तरह के पोस्ट लिखने पर इन देशों के पत्रकारों, वकीलों और शाही परिवार के लोगों ने विरोध जताया है. इस बारे में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से गल्फ़ न्यूज़ के संपादक बॉबी नक़वी की बातचीत.
वाशिंगटन पोस्ट और अल जज़ीरा जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के साथ काम करने वाली 26 वर्षीय महिला फोटो पत्रकार मसरत जहरा कश्मीर की दूसरी पत्रकार हैं जिन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
ज़ूम वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए एक उपयोगी ऐप है, जो इसकी मदद से अपने टीम के अन्य सदस्यों से जुड़ सकते हैं. कोरोनावायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के चलते लोग मीटिंग आदि करने के लिए इस तरह के ऐप का सहारा ले रहे हैं.
केरल हाईकोर्ट ने कथित रूप से देशव्यापी लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के ख़िलाफ़ पुलिस ज़्यादती की कथित घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया है.
ट्रक के मालिक का कहना है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है, जहां भुखमरी है, वहां लोग मजबूर हैं? सरकार को देखना चाहिए कि लॉकडाउन की वजह से कहीं आटे वगैरह की कमी न हो.
केरल के कुट्टुमुक्कू महादेव मंदिर के तीन शौचालयों के बाहर लगे साइनबोर्ड पर पुरुष, महिला और केवल ब्राह्मण लिखा हुआ है. इस मामले में कोचीन देवस्वम बोर्ड ने जांच के आदेश दिए हैं.
राज्यसभा के उप निदेशक (सुरक्षा) उरजुल हसन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कुछ केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ी कई पोस्ट साझा करने का आरोप लगाया गया था.
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी ने कहा है कि यह फेक न्यूज़ का समय है, जिससे हिंसा, दंगे और अनिश्चितता की स्थिति पैदा होती है. इस तरह की स्थितियों को चुनाव आयोग द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है.
शनिवार को नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने के लिए भाजपा द्वारा जारी टोल फ्री नंबर को नेटफ्लिक्स और विभिन्न ऑफर देने के लिए इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आई थी.
भाजपा द्वारा नागरिकता संशोधन क़ानून को मिस्ड कॉल के ज़रिये समर्थन देने के लिए गुरुवार को एक मोबाइल नंबर जारी किया गया था, जिसे गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के विभिन्न नेताओं ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से साझा किया था. सामने आया है कि विभिन्न एकाउंट्स द्वारा लड़कियों से बात करवाने, मुफ़्त उपहार और ढेरों ऑफर पाने का दावा करते हुए इसी नंबर का इस्तेमाल किया गया है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लोगों से सोशल मीडिया सहित किसी भी मंच पर नज़र आने वाली केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और योजनाओं से जुड़ी किसी ‘संदिग्ध सामग्री’ की तस्वीर ईमेल करने का अनुरोध किया और कहा कि इसकी छानबीन की जाएगी.