गुजरात के सूरत शहर में बीते 12 फरवरी को बीकॉम प्रथम वर्ष की 21 वर्षीय छात्रा की उस समय बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जब उन्होंने कथित तौर पर आरोपी युवक के प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. उन्हें बचाने की कोशिश में उनके भाई और एक रिश्तेदार भी घायल हो गए थे.
साल 2018 में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर हिंसा की घटनाओं की जांच करने के लिए महाराष्ट्र की तत्कालीन देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस जेएन पटेल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था.
महाराष्ट्र के एक सामाजिक संगठन ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले की जांच कर रहे आयोग के सदस्यों से एनसीपी प्रमुख शरद पवार को तलब करने की मांग की थी.