वीडियो: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए पारित किए गए 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' और महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की राजनीतिक मंशा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
साक्षात्कार: बेंगलुरू के नेशनल लॉ स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कार्तिक राम मनोहरण ने जाति, धर्म और जेंडर से जुड़े मसलों पर विस्तृत शोध किया है. सनातन धर्म पर छिड़े विवाद पर इसकी विभिन्न व्याख्याओं और उत्तर-दक्षिण भारत की राजनीतिक मान्यताओं के अंतर को लेकर उनसे बातचीत.
शाहरुख़ ख़ान की 'जवान' का स्पष्ट राजनीतिक संदेश यह है कि 'सक्रिय नागरिकों' की निरंतर निगरानी के बिना लोकतंत्र को नेताओं के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता.
'सनातन धर्म' को लेकर हालिया विवाद में भाजपा के रवैये के विपरीत हिंदुत्व के सबसे प्रभावशाली विचारक विनायक दामोदर सावरकर ने शायद ही कभी 'सनातन धर्म' को पूरे हिंदू समुदाय से जोड़ा.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हबीब तनवीर का रंगमंच असाधारण रूप से गाता-नाचता-भागता-दौड़ता रंगमंच था. प्रश्नवाचक और नैतिक होते हुए भी वह आनंददायी था. उनके यहां नाटक लीला है और कई बार वह आधुनिकता की गुरुगंभीरता को मुंह चिढ़ाता भी लगता है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव मौजूद है असमानता बनी रहेगी और तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. इस पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा है कि वे सरकार से कहें कि वह जाति जनगणना करवाए अन्यथा उनका कथन सिर्फ ख़बरों में रहने के लिए ज़बानी जमाख़र्च है.
झारखंड सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य यह फैसला किया है. समुदाय को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग ने अस्पतालों में उनके लिए अलग शौचालय बनाने का भी प्रस्ताव दिया है.
जातिवार जनगणना के विरोधियों का आग्रह है कि यह विभाजक पहल है क्योंकि यह जातिगत अस्मिताओं को बढ़ावा देगी, समाज में द्वेष पैदा करेगी. यह तर्क सदियों पुराना है और स्वतंत्रता संग्राम के समय से सत्ता-समीप हलको ने इसका सहारा लिया है. यह कथित ‘उच्च’ जातियों का नज़रिया है, भले ही इस पर प्रगतिशीलता की चादर डाली जाए.
स्मृति शेष: इरतिज़ा निशात नहीं रहे. बे-ज़बानों की शायरी करने वाले इस शायर ने ख़ुशहाली से ज़्यादा संघर्ष के दिन गुज़ारे और एक तरह की गुमनामी ओढ़कर दुनिया से चले गए. अब शायद इनको सच्ची श्रद्धांजलि यही हो कि इनकी शायरी किसी तरह उर्दू-हिंदी के पाठकों तक पहुंचे.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: औपनिवेशिक सत्ता के अंतर्गत हम प्रजा थे: हमें नागरिक हमारे संविधान ने बनाया. नागरिक संविधान के केंद्र में है जहां से उसे अपदस्थ करने का विराट प्रयत्न हो रहा है.
यह घटना झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 25 किलोमीटर दूर झांझी टोला गांव में हुई. पुलिस ने कहा कि कुछ दिन पहले एक परिवार के सूअरों ने उनके रिश्तेदारों के खेत में फसल को कथित तौर पर नष्ट कर दिया था. इस बात पर लाठी और कृषि उपकरणों से लैस कई लोगों ने दूसरे परिवार के सदस्यों पर हमला किया था.
वीडियो: यूपी के मुज़फ़्फ़रनगर में अध्यापिका द्वारा मुस्लिम छात्र को सहपाठियों से पिटवाने की घटना के बाद अब दिल्ली के एक सरकारी स्कूल की शिक्षक पर 'काबा, क़ुरान' को लेकर सांप्रदायिक टिप्पणी करने पर एफआईआर दर्ज हुई है. इसे लेकर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
दिल्ली के गांधी नगर स्थित सरकारी सर्वोदय बाल विद्यालय के नवीं कक्षा के छात्रों ने एक काउंसलिंग सेशन के दौरान बताया कि उनकी अध्यापिका ने यह भी कहा कि 'बंटवारे के दौरान तुम लोग पाकिस्तान नहीं गए. भारत की आज़ादी में तुम्हारा कोई योगदान नहीं है.'
महाराष्ट्र महिला आयोग की प्रमुख रूपाली चाकणकर ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन लागू होने के बाद राज्य में बाल विवाह की मामलों में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि ग्रामसभाओं को बाल विवाह पर सख़्ती से अंकुश लगाने के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए और इसमें शामिल सभी लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए.
महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले का मामला. श्रीरामपुर तालुका के हरेगांव गांव में एक बकरी और कुछ कबूतर चुराने के संदेह में छह लोगों ने चार दलित युवकों को कथित तौर पर एक पेड़ से उल्टा लटकाकर लाठियों से पीटा था. वहीं, राज्य के जालना ज़िले में हुई एक अन्य घटना में वाहन चोरी के संदेह में दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर देने का मामला सामने आया है.