यूं तो भारतीय पुलिस द्वारा रोज़ाना सैंकड़ों लोगों को प्रताड़ित करने की बात कही जाती है लेकिन गरीब, पिछड़े, और अल्पसंख्यक उनके विशेष निशाने पर होते हैं. एक पूर्व पुलिस महानिदेशक द्वारा सभ्य जनतांत्रिक समाज के इस बदनुमा दाग़ का विस्तृत विश्लेषण.
लॉकडाउन के दौरान मज़दूरों को उनके घर ले जा रहीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में हुई मुसाफ़िरों की मौतों की आलोचना के बाद रेलवे ने अधिकतर मामलों में मृतकों की पुरानी बीमारियों और उनकी शारीरिक अवस्था को ज़िम्मेदार ठहराया था.
कोरोना से बिगड़ती स्थितियों को संभालने में केंद्र सरकार की सारी नीतियां फेल हो चुकी हैं. सरकार की इस विफलता का ख़ामियाज़ा कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा.
गिरीश कर्नाड के नाटकों में बेहद सुंदर संतुलन देखने को मिलता है, जहां वह भारत के तथाकथित स्वर्णिम अतीत या पौराणिक मिथक को कच्चे माल की तरह उपयोग तो करते हैं, पर उसके मूल में कोई समसामयिक समस्या या वर्तमान समाज के विरोधाभास ही निहित रहते हैं.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर-महराजगंज ज़िले को कभी बेशकीमती साखू-सागौन के जंगल लगाकर आबाद करने वाले वनटांगियों के पास पर्याप्त ज़मीन और कृषि संसाधन थे, लेकिन समय के साथ नई पीढ़ियां उचित आय और आजीविका के अभाव में शहर की राह पकड़ने को विवश हो गईं.
आज जब पूरे देश में धार्मिक स्थलों को खोला जा रहा है, तब बीते दिनों 'सांप्रदायिक' होने का इल्ज़ाम झेलने वाले केरल के मलप्पुरम ज़िले ने अपनी अलग राह चुनी है. कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र वहां की पांच हज़ार मस्जिदों को अनिश्चितकाल तक बंद रखने समेत कई धार्मिक स्थलों को न खोलने का फ़ैसला लिया गया है.
घटना 12 जून को झालावाड़ के बालगढ़ में हुई, जहां तीन युवकों ने बकरी चुराने का आरोप लगाते हुए किशोर से एक लाख रुपये मांगे. उसके इनकार करने पर उसे निर्वस्त्र कर बुरी तरह से पीटा गया और बाल काटकर मुंह काला कर दिया गया.
ख़्वाजा अहमद अब्बास के सिनेमाई जीवन, उनकी बहुमुखी प्रतिभा के बारे में बहुत-सी बातें कही लिखी जा चुकी हैं, लेकिन आज हिंदुस्तान और चीन के बीच जारी तल्ख माहौल में उनके उपन्यास डॉ. कोटनिस की अमर कहानी की प्रासंगिकता अधिक जान पड़ रही है.
बात कैसे करें कि सब सुन सकें और वह जो कहा जा रहा है, वही सुनें? सुनने का अर्थ क्या है? बोलने में उम्मीद है कि जो कहा जा रहा है, उसे सुना जाएगा, ऐसा होता नहीं. गले के साथ कानों का पर्याप्त प्रशिक्षण हुआ नहीं. सुनना भी बोलने की तरह ही आपकी नैतिक मान्यताओं से जुड़ा है.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल के कुएं में मंगलवार को लगी भीषण आग में दो दमकलकर्मियों की मौत हो गई है और छह लोग घायल हुए हैं. ऑयल इंडिया ने कहा है कि इसे बुझाने में चार सप्ताह लग सकते हैं. इस कुएं से दो हफ़्तों से अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव हो रहा था.
जब सरकार ने दोबारा विमान सेवाएं शुरू कीं, तब एक केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और क्वारंटीन सेंटर में रखने जैसी बातें व्यावहारिक नहीं लगतीं. हैरानी वाली बात है कि जो बात विमान के यात्रियों के लिए व्यावहारिक नहीं लग रही, वो मज़दूरों के लिए अति आवश्यक कैसे बन गई थी.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में में बीते दो सप्ताह से ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं से अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव हो रहा है, जिसे बंद करने के प्रयास में यहां भीषण आग लग गई. अधिकारियों के अनुसार किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और आग बुझाने की कोशिश जारी है.
ओडिशा के लिए एक डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक जन और एक मन’ के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाया जिसकी वजह से आज भारत, दुनिया में अच्छी स्थिति में है.
पुस्तक समीक्षा: किसी यात्रा वृतांत को पढ़ने के बाद अगर उस जगह जाने की इच्छा न जगे, तो ऐसे वृतांत का बहुत अर्थ नहीं है. पत्रकार समीर अरशद खतलानी द्वारा अपनी एक लाहौर यात्रा पर लिखी गई किताब 'द अदर साइड ऑफ द डिवाइड' इस मायने पर खरी उतरती है.
बीते दिनों गो एयर द्वारा उनके एक पायलट को यह कहते हुए नौकरी से निकाल दिया गया कि उन्होंने ट्विटर पर हिंदू भगवानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. नौकरी से निकाले गए कर्मचारी का कहना है कि वह ट्विटर एकाउंट उनका नहीं है और कंपनी ने बिना उनका पक्ष जाने यह निर्णय लिया है.