दिल्ली के निजामुद्दीन मामले को लेकर सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण संदेशों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस के अलावा बांटने वाला भी एक वायरस है. मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देता हूं कि मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि कोई कानून आपको न बचा पाए.
मुसलमानों के शुभचिंतक तबलीग़ वालों को कड़ी सज़ा देने, यहां तक कि उसे प्रतिबंधित करने की मांग कर रहे हैं. इस एक मूर्खतापूर्ण हरकत ने सामान्य हिंदुओं में मुसलमानों के ख़िलाफ़ बैठे पूर्वाग्रह पर एक और परत जमा दी है. ऐसा सोचने वालों को क्या यह बताने की ज़रूरत है कि हिंदू हों या ईसाई, उनमें बैठे मुसलमान विरोध का कारण मुसलमानों की जीवनशैली या उनके एक हिस्से की मूढ़ता नहीं है.
प्रवासी मज़दूरों का सामूहिक पलायन भुखमरी के तात्कालिक भय से कहीं ज़्यादा, ग़रीब हिंदुस्तानियों के सामूहिक अवचेतन में सदियों से बैठी इस धारणा का प्रमाण है कि उन्हें सत्ता, उसकी व्यवस्था और समाज के संपन्न वर्ग से कभी कोई आशा नहीं करनी चाहिए और यह कि 'अंत में ग़रीब की कोई नहीं सुनेगा.'
उत्तर प्रदेश के 36 हज़ार रोज़गार सेवकों को 18 महीनों का मानदेय नहीं मिला है, जो क़रीब 170 करोड़ रुपये होता है. बावजूद इसके उन्हें गांवों में आए प्रवासी कामगारों की पहचान के काम में लगाया गया है. संक्रमण के जोख़िम के बीच न तो उन्हें मास्क और दस्ताने दिए गए हैं, न ही उनका बीमा कराया गया है.
सरकार द्वारा ग़रीबों की मदद के नाम पर स्वास्थ्य संबंधी मामूली घोषणाएं की गई हैं. हमें नहीं पता अगर कोई ग़रीब कोरोना से संक्रमित हुआ तो उसे उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी. अगर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई तो बेड और वेंटिलिटर जैसी सुविधाएं मिलेंगी?
देशभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक स्थितियां उन लोगों को बुरी तरह प्रभावित करेंगी, जो इस महामारी से तो शायद बच जाएंगे, लेकिन रोज़मर्रा की आवश्यक ज़रूरतों का पूरा न होना उनके लिए अलग मुश्किलें खड़ी करेगा.
कृतज्ञता के साथ जब अपनी लाचारी का एहसास जुड़ जाए तो मनुष्य उससे मुक्त होना चाहता है. एक समुदाय ही रहम, कृपा, राहत का पात्र बनता रहे यह वह कबूल नहीं कर सकता. वह बराबरी हासिल करना चाहता है.
कोरोना वायरस के मद्देनज़र देश में लागू लॉकडाउन के चलते ज़रूरी दवाओं की भी घर पर आपूर्ति की अनुमति दी गई है. सरकारी आदेश के अनुसार, ऐसी दवाएं जिन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा, उन्हें किसी योग्य डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं ख़रीदा जा सकेगा.
भारत एक सांस्कृतिक इकाई है. बावजूद भिन्न भाषाओं, पहनावों और खानपान के हम सब मूर्खता के एक सूत्र में बंधे हैं. राष्ट्रीय एकता का यह प्रदर्शन और प्रमाण दिल को तसल्ली देता है.
वीडियो: कविता की भाषा के इस्तेमाल पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक निधीश त्यागी के साथ चर्चा कर रहे हैं प्रोफेसर अपूर्वानंद.
दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान जान-माल के नुकसान के अलावा बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ बदसलूकी की घटनाएं हुई हैं, लेकिन ये ख़ौफ़ज़दा पीड़ित पुलिस में शिकायत दर्ज कराना तो दूर इसके बारे में बात करने से भी कतरा रही हैं.
वीडियो: हाल ही में रिलीज़ हुई 'अंग्रेज़ी मीडियम' फिल्म की समीक्षा कर रही हैं दामिनी यादव.
बीते 5 मार्च को सात महीने के बाद जम्मू कश्मीर में इंटरनेट से प्रतिबंध हटाया गया है. एक तबके का मानना था कि यह बैन शांति प्रक्रिया के लिए अहम था, हालांकि स्थानीयों के मुताबिक़ यह प्रतिबंध मनोरंजन या सोशल मीडिया पर नहीं बल्कि आम जनता के जानने और बोलने पर था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सभी सरकारी अस्पतालों को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में दंगों के दौरान मरने वाले सभी लोगों के डीएनए नमूने संरक्षित करने और वीडियोग्राफी पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया. इन दंगों में करीब 53 लोगों की मौत हुई है.
औद्योगिक विवाद से जुड़े एक मामला, जिसमें दिल्ली नगर निगम भी पक्ष है, को सुनते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस नजमी वज़ीरी ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को पांच सौ पेड़ लगाने का आदेश देते हुए कहा है कि इससे दंगों से ज़ख़्मी समाज को उबरने में मदद मिलेगी.