एक कार्यक्रम में तीन वरिष्ठ सेवानिवृत्त शीर्ष पुलिस अधिकारियों- जूलियो रिबेरो, वीएन राय और एसआर दारापुरी ने कहा कि एल्गार परिषद मामले में इस बात की व्यापक जांच होनी चाहिए कि आरोपियों के फोन और लैपटॉप जैसे डिवाइस में जाली सबूत पहुंचाने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था या नहीं.
77 वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी और 44 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता सदफ़ जाफ़र उन 57 लोगों में शामिल हैं, जो 19 दिसंबर, 2019 के सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में 1.55 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के आरोपी हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आदेश दिया था कि लखनऊ में एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के नाम, फोटो और उनके पते के साथ लगाए गए सभी होर्डिंग्स तुरंत हटाए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक नहीं लगाया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आदेश दिया कि लखनऊ में एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के नाम, फोटो और उनके पते के साथ लगाए गए सभी होर्डिंग्स तुरंत हटाए जाएं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के होर्डिंग्स हटाने का दिया आदेश, कहा- अत्यधिक अनुचित
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आदेश दिया कि आज दोपहर तीन बजे से पहले ये सारे होर्डिंग्स हटाए जाए और तीन बजे कोर्ट को इसकी जानकारी दी जाए.
लखनऊ में कई स्थानों पर लगाए गए इन होर्डिंग्स में प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जुर्माना भरने को कहा गया है.
उत्तर प्रदेश प्रशासन का दावा है कि 19 दिसंबर 2019 को लखनऊ के हजरतगंज में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. हालांकि इस दिन कई कार्यकर्ता नजरबंद थे.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों के दौरान हुए अत्याचारों के संबंध में एक प्रतिवेदन सौंपा और सबूत के तौर पर कुछ वीडियो साझा किए.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा, लोगों की मौत और पुलिस की कार्यप्रणाली पर राज्य के पूर्व आईजी और सामाजिक कार्यकर्ता एसआर दारापुरी से द वायर उर्दू के संपादक महताब आलम ने बातचीत की.
लखनऊ में नागरिकता क़ानून के विरोध को लेकर गिरफ़्तार सामाजिक कार्यकर्ता सदफ़ जाफ़र और पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया. सदफ़ का आरोप है कि उन्हें बिना किसी महिला कॉन्स्टेबल के हिरासत में लिया गया और बर्बरता से पीटा गया.
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में लखनऊ में बीते 19 दिसंबर को हुए प्रदर्शन के संबंध में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेस नेता सदफ़ जफ़र, पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी समेत 13 लोगों को ज़मानत दी गई है. अदालत ने इनसे 50-50 हज़ार रुपये की ज़मानत राशि और इतनी राशि का निजी मुचलका भरने को कहा है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के आरोपों के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि संन्यासी की लोक सेवा और जन कल्याण के निरंतर जारी यज्ञ में जो भी बाधा उत्पन्न करेगा, उसे दंडित होना ही पड़ेगा.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शनिवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में लखनऊ में गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने जा रही थीं. हालांकि, पुलिस ने आरोपों को गलत बताया है.
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) सूर्य कुमार शुक्ला इससे पहले सार्वजनिक रूप से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शपथ लेकर विवादों में रह चुके हैं.
कासगंज हिंसा के बाद क़स्बे के दौरे से लौटी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में पुलिस और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं.